अरब सागर या बंगाल की खाड़ी में उतरेंगे गगनयान के अंतरिक्षयात्री, अगले साल लॉन्च होगा मिशन

भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा काफी समय से देश के पहले मानव स्पेस मिशन गगनयान की तैयारियां की जा रही हैं. हाल ही में बताया गया था कि साल 2023 में गगनयान मिशन को लॉन्च किया जाएगा. इस मिशन में दो से तीन अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जाएगा.

Representational Image
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 05 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:29 AM IST
  • 2023 में लॉन्च किया जाएगा गगनयान मिशन
  • सात दिन स्पेस में रहेंगे अंतरिक्षयात्री

भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा काफी समय से देश के पहले मानव स्पेस मिशन गगनयान की तैयारियां की जा रही हैं. हाल ही में बताया गया था कि साल 2023 में गगनयान मिशन को लॉन्च किया जाएगा. इस मिशन में दो से तीन अंतरिक्षयात्रियों को स्पेस भेजा जाएगा.

गगनयान के अंतरिक्षयात्रियों की धरती पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए दो स्थानों को चुना गया है- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी. इस बात की जानकारी इसरो के ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर (HSFC) के डायरेक्टर डॉ उन्नीकृष्णन नायर ने अपने एक आर्टिकल के माध्यम से दी है. 

HSFC की स्थापना ISRO द्वारा 2019 में निरंतर और किफायती मानव अंतरिक्ष उड़ान गतिविधियों के लिए की गई थी. गगनयान इसकी पहली परियोजना है. 

सात दिन अंतरिक्ष में रहेंगे यात्री: 

नायर ने लिखा है कि गगनयान जब धरती पर लैंड करेगा तो पहली प्राथमिकता अरब सागर को दी जाएगी. लेकिन साथ ही बंगाल की खाड़ी को बैकअप विकल्प के तौर पर रखा जा रहा है. गगनयान में जाने वाले दो से तीन अंतरिक्षयात्री लगभग सात दिन बाद धरती पर वापस लौटेंगे.     

गगनयान ऑर्बिटल मॉड्यूल (OM) के दो भाग हैं - क्रू मॉड्यूल (CM) और सर्विस मॉड्यूल (SM) और इसका वजन लगभग 8,000 किलोग्राम है. ऑर्बिट में रहते हुए, OM लगभग 7,800 m/s के वेग से पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. 

अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा का रखा गया है पूरा ध्यान: 

डॉ नायर के मुताबिक CM एक दोहरी दीवार वाली प्रणाली है जिसमें अंतरिक्षयात्रियों को फ्लाइट के दौरान तेज एयरोडायनामिक हीटिंग से बचाने के लिए थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (टीपीएस) है. ऑर्बिटल मॉड्यूल ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HRLV) द्वारा लॉन्च किया जाएगा, जो GSLV MK-III वाहन का मॉडिफाइड वर्जन है. 

गगनयान के लिए चयनित चार अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवारों ने लगभग 15 महीनों के लिए रूस में सामान्य अंतरिक्ष उड़ान प्रशिक्षण लिया है. गगनयान के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण भारत में बेंगलुरु में स्थापित की जा रही अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में किया जाएगा. 


 

Read more!

RECOMMENDED