Google ने डूडल बनाकर सौर ऊर्जा वैज्ञानिक मारिया टेल्कस (Mária Telkes) को याद किया है. मारिया टेल्क्स का मानना था कि सूर्य की शक्ति मानव जीवन को बदल सकती है. 1952 में आज ही के दिन डॉ टेल्क्स द सोसाइटी ऑफ वूमेन इंजीनियर्स अचीवमेंट अवार्ड पाने वाली पहली महिला बनी थीं. डूडल ने उनके जीवन और योगदान के सम्मान में एक एनिमेटेड डूडल (Google Doodle) बनाया है.
कौन थीं मारिया टेल्क्स
मारिया टेल्क्स का जन्म 1900 में बुडापेस्ट, हंगरी में हुआ था और उन्होंने बुडापेस्ट के Eotvos Lorand University से भौतिक रसायन शास्त्र का अध्ययन किया था. उन्होंने 1924 में उन्होंने पीएचडी की डिग्री ली. अगले साल ही वह संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं और एक बायोफिजिसिस्ट के रूप में काम करने लगीं. 1937 में उन्होंने अमेरिकी नागरिकता प्राप्त की.
अपने शुरुआती करियर में मारिया टेल्कस ने बायोफिजिक्स और लिविंग थिंक्स द्वारा बनाई गई एनर्जी पर रिसर्च किया. उन्होंने 1939 ने सोलर एनर्जी पर रिसर्च करने वाली MIT रिसर्च ग्रुप को ज्वाइन किया. दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान उन्होंने सोलर पॉवर्ड डिस्टिलर से समुद्री पानी को पीने योग्य बनाया, ताकी समुद्र में खो जाने वाले सैनिक पानी पी सकें. इस आविष्कार का उपयोग पैसिफिक थियेटर में तैनात सैनिकों ने किया था.
सोलर एनर्जी से चलने वाला ओवन बनाया
1948 में उन्होंने आर्किटेक्ट एलेनोर रेमंड के साथ मिलकर ऐसी प्रणाली तैयार की, जो सूरज की रोशनी से दीवारों को गर्म रख सकती थी. हालांकि इसके पहले प्रयास में वो विफल हो गई थीं और इस वजह से उन्हें MIT की सोलर एनर्जी टीम से हटा भी दिया गया था. 1953 में उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में ऐसा ओवन तैयार किया, जो सोलर एनर्जी से चलता था. इसी के बाद से उन्हें ‘solar energy’ के नाम से जाना जाने लगा.
'द सन क्वीन' के नाम से बनाई पहचान
उन्होंने किसानों के लिए नया ओवर डिजाइन किया, जिससे किसान अपनी फसलों को आसानी से सुखा सकते थे. उनका सोलर ओवन अभी भी काफी प्रचलित है. मारिया टेल्कस (Mária Telkes) का करियर सफलता और नवीनताओं से भरा हुआ था. अपने करियर के दौरान डॉ टेल्क्स ने 20 से अधिक पेटेंट अपने नाम किए और कई ऊर्जा कंपनियों में सलाहकार के रूप में काम किया. इसी वजह से उन्हें 'द सन क्वीन' के नाम से जाना जाता है.