NASA के इतिहास की सबसे बड़ी घटना जिसमें भारत ने खोई थी अपनी बेटी कल्पना चावला, ये थी कोलंबिया स्पेस शटल हादसे की बड़ी वजह

Columbia Speace Shuttle Tragedy: नासा के इतिहास की सबसे बड़ी घटना को आज भी याद किया जाता है. कोलंबिया स्पेस शटल हादसे में भारत ने अपनी अपनी बेटी कल्पना चावला को खो दिया था. शटल में 7 क्रू मेंबर्स थे. कोलंबिया स्पेस शटल हादसे को लेकर बाद में कई जांच भी हुई जिसमें कई सारी बातें सामने आई थी.

NASA के इतिहास की सबसे बड़ी घटना
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST
  • क्रू में थे 7 मेंबर्स
  • कॉल बीच में कट गई थी

ठीक 20 साल पहले भारत ने अपनी बेटी कल्पना चावला को खो दिया था. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) का कोलंबिया स्पेस शटल (Columbia Space Shttle) हादसे का शिकार हुआ था. इसमें कल्पना चावला समेत सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई थी. इस एक हादसे ने नासा के काम करने के तरीके में बड़े बदलाव से लेकर दुनिया भर के लोगों को स्पेस के बारे में सजग किया. 1 फरवरी, 2003 को हुए इस हादसे के बाद कई सारी जांच हुई और उसके बाद कई खुलासे हुए. जांच में आखिरी के कुछ पलों के बारे में बताया गया.

क्रू में थे 7 मेंबर्स

नासा के मुताबिक, उस दिन सब कुछ प्लान के मुताबिक ही चल रहा था और सात अंतरिक्ष यात्री स्पेस में 15 दिन बिताने के बाद लौट रहे थे. 7 मेंबर के क्रू में रिक हसबैंड, (कमांडर), माइकल एंडरसन (पेलोड कमांडर), डेविड ब्राउन (मिशन स्पेशलिस्ट), कल्पना चावला, (मिशन स्पेशलिस्ट),लॉरेल क्लार्क (मिशन स्पेशलिस्ट), विलियम मैककूल (पायलट) और इजराइली स्पेस एजेंसी के पेलोड स्पेशलिस्ट इलन रेमन शामिल थे. इन सभी ने दिन में 24 घंटे दो शिफ्ट में कई एक्सपेरिमेंट किए थे. उन्होंने धरती पर वापसी से पहले 80 एक्सपेरिमेंट किए. जिसमें मटेरियल साइंस, फ्लूइड फिजिक्स जैसे एक्सपेरिमेंट शामिल थे.

बाद में क्या आया जांच में सामने?

स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक, स्पेस में क्रू 16 दिनों के दौरान, नासा ने लॉन्च के दौरान हुई फोम स्ट्राइक की जांच की. कोलंबिया के जमीन छोड़ने के लगभग 82 सेकंड के बाद, फोम का एक टुकड़ा "बिपोड रैंप" से गिर गया जो कि एक स्ट्रक्चर का हिस्सा था. ये वो हिस्सा था जो बाहरी टैंक को शटल से जोड़ता था. लॉन्च का जो वीडियो है उसमें फोम कोलंबिया के बाएं विंग से टकराता हुआ दिखाई दे रहा है. हालांकि, ये सब जब बाद में जांच हुई तब सामने आया. जांच में पाया गया कि बाएं विंग पर हुए छेद की वजह से वायुमंडलीय गैसें शटल में बहने लगीं. इसी वजह से स्पेसशिप के सेंसर को नुकसान पहुंचा और कोलंबिया क्रैश हो गया.

NASA के इतिहास की सबसे बड़ी घटना

क्या बचाया जा सकता था कोलंबिया को?

कई रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र मिलता है कि इस हादसे को होने से बचाया जा सकता था. नासा के कई लोगों ने ऑर्बिट में टूटे विंग की तस्वीरें लेने के लिए जोर दिया था. इतना ही नहीं बल्कि रक्षा विभाग नजदीक से देखने के लिए अपने ऑर्बिटल स्पाई कैमरों का भी उपयोग करने के लिए तैयार था. हालांकि, कोलंबिया एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन बोर्ड (CAIB) और "कॉम चेक" के अनुसार नासा के अधिकारी इसके लिए राजी नहीं हुए थे. बता दें, कॉम चेक किताब स्पेस जर्नलिस्ट माइकल गोभी और विलियम हारवुड ने अपनी 2008 में लिखी थी. 

कॉल बीच में कट गई थी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 फरवरी, 2003 को सुबह 9 बजे से ठीक पहले मिशन कंट्रोल में असमान्य रीडिंग दिखाई दीं. बाएं विंग पर सेंसर से टेम्परेचर की रीडिंग पता नहीं चल रही थी. इसके बाद शटल के बाईं ओर से टायर प्रेशर रीडिंग भी गायब हो गई थी. टायर प्रेशर रीडिंग पर बात करने के लिए स्पेसक्राफ्ट कम्यूनिकेटर ने कोलंबिया को कॉल किया था, जिसके बाद 8:59:32 बजे, रिक ने कोलंबिया से वापस कॉल किया भी किया था हालांकि, ‘रोजर’ बोलने के बाद ही कॉल बीच में कट गई थी. 
 
उस वक्त , कोलंबिया डलास के पास था, और साउंड की स्पीड से भी 18 गुना अधिक तेजी से चल रहा था. मिशन कंट्रोल ने क्रू से संपर्क करने के कई प्रयास भी किए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. 

आखिरी के 12 मिनट 

बारह मिनट बाद, जब कोलंबिया को रनवे पर लैंड करना था, तब मिशन कंट्रोलर को एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने बताया कि टेलीविजन नेटवर्क आकाश में शटल के टूटने का वीडियो दिखा रहा था. बस…. इसके कुछ ही समय बाद, नासा ने एक स्पेस शटल को खोजने के लिए लोगों को भेजा, लेकिन वे लोग क्रू को नहीं बचा सके. वहां मलबे के ढेर के सिवाए कुछ भी नहीं था. 
 

 

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