अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर सकुशल धरती पर लौट आए हैं. अंतरिक्ष यात्री पिछले साल जून में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) गए थे और उन्हें एक सप्ताह में वापस लौटना था. हालांकि, उन्हें वहां ले जाने वाले अंतरिक्ष यान, स्टारलाइनर नामक बोइंग अंतरिक्ष यान में समस्याएं आ गईं, जिसके बाद इसे अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए असुरक्षित माना गया.
हालांकि, स्टारलाइनर सितंबर 2024 में सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आया था. लेकिन दोनों अंतरिक्ष यात्री ISS पर फंसे रहे. अब, एक स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान से सुनीता और बुच को वापिस लाया गया. दो अन्य अंतरिक्ष यात्री, निक हेग और अलेक्जेंडर गोरबुनोव ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सुनीता और बुच को वापस धरती पर लेकर आए.
अंतरिक्ष में नौ महीने
विलियम्स और विल्मोर अंतरिक्ष में नौ महीने से ज़्यादा समय यानी 286 दिन बिताने के बाद वापस आए हैं. हालांकि, उनसे पहले भी अमेरिका और रूस दोनों के कई अंतरिक्ष यात्री इससे भी लंबे समय तक अंतरिक्ष में रह चुके हैं. सोवियत अंतरिक्ष यात्री वैलेरी पॉलाकोव के नाम यह रिकॉर्ड है - उन्होंने जनवरी 1994 से मार्च 1995 के बीच मीर अंतरिक्ष स्टेशन पर 438 दिन बिताए थे. मीर आईएसएस से पहले का स्पेस स्टेशन है और इसे गिराए जाने से पहले 1986 से 2001 के बीच 15 साल तक चालू रहा था.
सितंबर 2022 और सितंबर 2023 के बीच, अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रुबियो ने आईएसएस में 371 दिन पूरे किए. अन्य लोगों ने कई मिशनों में कुल मिलाकर अंतरिक्ष में इससे भी ज़्यादा समय बिताया है. रूस के ओलेग कोनोनेंको ने अंतरिक्ष की पांच यात्राएं की हैं, जिसमें उन्होंने कुल 1,111 दिन बिताए हैं. अपनी आखिरी यात्रा पर, वे 374 दिनों के बाद धरती पर लौटे थे.
59 वर्षीय विलियम्स ने 2006-2007 में अपनी पहली यात्रा में 196 दिन और फिर 2012 में 127 दिन बिताए थे. 62 वर्षीय विल्मोर ने 2014 और 2015 में अपनी पिछली दो यात्राओं के दौरान आईएसएस में कुल 178 दिन बिताए थे.
बोइंग का टेस्ट मिशन
सुनीता और बुच इस बार ISS की बहुत छोटी यात्रा पर गए थे. उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य ISS में चालक दल के मिशन को ले जाने में बोइंग स्टारलाइनर की क्षमता को प्रमाणित करना था. स्टारलाइनर CST-100 एक नया अंतरिक्ष यान है जिसे विशेष रूप से नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के लिए विकसित किया गया है. इसका उद्देश्य निजी एयरोस्पेस कंपनियों को अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस से लाने-ले जाने में सक्षम बनाना है.
स्पेसएक्स इस कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक ले जाने के लिए प्रमाणित होने वाली पहली कंपनी थी. बोइंग इसके बाद आई. विलियम्स और विल्मोर को अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाने वाली फ्लाइट स्टारलाइनर का अंतरिक्ष में मनुष्यों को ले जाने का पहला प्रयास था. लेकिन लॉन्च से पहले ही इसमें दिक्कतें आना शुरू हो गईं. लेकिन नासा ने मिशन जारी रखा. हालांकि, ISS तक पहुंचने के दौरान स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी परेशानी बढ़ गई और अंतरिक्ष यात्री वहीं फंस गए.
क्यों लगा इतना ज्यादा समय
आईएसएस का उपयोग मुख्य रूप से अमेरिका और रूस करते हैं. नवंबर 2000 के बाद से कभी भी यह स्टेशन अंतरिक्ष यात्री के बिना नहीं रहा है. अंतरिक्ष यात्री आमतौर पर कुछ हफ़्ते से लेकर कुछ महीने तक प्रयोग और अध्ययन करते हैं, उसके बाद दूसरे अंतरिक्ष यात्री चले जाते हैं.
ISS के लिए मिशन की योजना पहले से ही बना ली जाती है, और तय समय के अनुसार अंतरिक्ष यान और रॉकेट बनाए जाते हैं. यही कारण है कि विलियम्स और विल्मोर को वापस लाने के लिए वैकल्पिक अंतरिक्ष यान की व्यवस्था तुरंत नहीं की जा सकी. अगला अंतरिक्ष यान फरवरी 2025 तक ही ISS पर जाने वाला था.
विलियम्स और विल्मोर अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, और उन्हें कोई परेशानी नहीं थी. इसलिए, NASA ने उन्हें वापस लाने में जल्दबाजी नहीं की. ISS इतना बड़ा है कि किसी भी समय 10-12 अंतरिक्ष यात्री उसमें रह सकते हैं. इसमें आमतौर पर कम लोग होते हैं.
महत्वपूर्ण साबित हो सकता यह अनशेड्यूल्ड स्टे
विलियम्स और विल्मोर अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के लिए मानव शरीर की रिएक्शन का आकलन करने के लिए NASA की चल रही स्टडीज में बहुत उपयोगी हो सकते हैं. उन्होंने ISS पर इतना समय बिताने के लिए प्रशिक्षण नहीं लिया था. ऐसे में उनके शरीर की प्रतिक्रिया बहुत अलग होगी.
नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां चंद्रमा पर एक स्थायी साइंस फैसिलिटी स्थापित करने की तैयारी कर रही हैं, जिसके लिए मनुष्यों को लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहना होगा. ऐसे में, एंजेंसिया स्टडी प्रोग्राम चला रही हैं जिनसे जाना जा सके कि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से सेहत पर क्या प्रभाव पड़ेंगे. ISS के लिए उड़ान भरने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री अब ऐसे प्रयोगों का हिस्सा बनने के लिए स्वेच्छा से आगे आ सकते हैं.
पिछले अध्ययनों से पता चला है कि पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष में हड्डियों का घनत्व और मांसपेशियों की गुणवत्ता तेज़ी से बिगड़ती है. कम गुरुत्वाकर्षण ब्रेन फ्लूइड को प्रभावित करता है, और लंबे समय तक रहने से मस्तिष्क की संरचना में संभावित रूप से बदलाव आ सकता है. लंबे समय तक रहने से दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ सकता है.