Landslide: पहाड़ों पर कहां बनाएं सड़क और घर... पर्यटक किन जगहों पर नहीं जाएं... IIT Delhi का यह ऐप सिर्फ 5 मिनट में बनाएगा लैंडस्लाइड का सटीक मैप

Landslide वैसे तो एक नेचुरल प्रोसेस है लेकिन आजकल प्रकृति के साथ मानवीय हस्तक्षेप के कारण भी भूस्खलन देखने को अधिक मिल रहे हैं. इससे जान-माल की काफी हानि होती है. अब आईआईटी दिल्ली ने एक ऐसा ऐप बनाया है, जिससे लैंडस्लाइड हिस्ट्री की सटीक मैपिंग मिनटों में की जा सकती है.

Landslide (File Photo: PTI)
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:17 PM IST
  • IIT Delhi के प्रोफेसर मानाबेंद्र सहारिया ने Cascade नामक वेब ऐप को किया है तैयार 
  • इसे बनाने में पीएचडी स्कॉलर निर्देश ने भी किया है सहयोग 

IIT Delhi (आईआईटी दिल्ली) ने एक ऐसा ऐप बनाया है, जो पहाड़ों पर रहने वाले और इन क्षेत्रों में भ्रमण करके के लिए जाने वाले पर्यटकों के लिए वरदान साबित होगा. यह ऐप किसी भी इलाके की लैंडस्लाइड (Landslide) हिस्ट्री की सटीक मैपिंग सिर्फ 3 से 5 मिनट में कर देगा. इस ऐप के जरिए यह समझना आसान होगा कि कहां घर और सड़क बनाना है और कहां नहीं. 

IIT दिल्ली के प्रोफेसर मानाबेंद्र सहारिया ने Cascade नामक इस वेब ऐप को तैयार किया है. इसे बनाने में पीएचडी स्कॉलर निर्देश ने भी उनका सहयोग किया है. यह ऐप लैंडस्लाइड मैपिंग का काम करता है. अभी देश में लैंडस्लाइड मैपिंग के काम के लिए लोग उस जगह जाकर सर्वे करते हैं, जिसके लिए बहुत ज्यादा वक्त भी लगता है. कई ऐसी जगहें होती हैं, जहां किसी व्यक्ति को पहुंचना आसान नहीं होता. अब यह वेब ऐप इस काम को सैटेलाइट इमेज के जरिए 3 से 5 मिनट में पूरा कर देगा. इसका ऐप को बनाने का प्रमुख उद्देश्य जोखिम भरे क्षेत्रों की पहचान करना और समय रहते लोगों को चेतावनी देना है ताकि जान-माल के नुकसान से बचा जा सके.

Cascade ऐप से क्या-क्या होंगे फायदे 
1. Cascade ऐप के जरिए यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि किसी जगह पर पहले कभी लैंडस्लाइड हुआ है या फिर नहीं. अमूमन माना ये जाता है कि यदि किसी जगह पर पहले कभी लैंडस्लाइड हुआ है तो वहां आगे भी लैंडस्लाइड जरूर होगा. कई बार यह जानकारी नहीं होने के चलते पहाड़ों पर लैंडस्लाइड वाली जगहों पर लोग घर और सड़कें बना लेते हैं. इन जगहों पर घर का निर्माण करने से वे  लैंडस्लाइड के दौरान हादसे का शिकार हो जाते हैं. अब इस ऐप के जरिए 3 से 5 मिनट में यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि किसी जगह पर लैंडस्लाइड की हिस्ट्री है और किस स्थान की नहीं. इससे लोगों को पता चल जाएगा किस जगह घर बनाना है और किस जगह नहीं. इतना ही नहीं बार-बार लैंडस्लाइड आने वाली जगहों पर पर्यटक भी भ्रमण करने के लिए नहीं जाएंगे. यदि जाएंगे भी तो ऐहतियात बरत कर.

2. यह वेब ऐप लैंडस्लाइड के बाद रीहैब में भी मदद करती है. खासकर इस ऐप के जरिए यह पता लगाना आसान हो जाता है कि उस जगह पर मौजूद कोई मकान कोई रेलवे लाइन या फिर सड़क को कितना नुकसान हुआ है. इंश्योरेंस क्लेम में इसका डेटा काफी मददगार साबित हो सकता है. 

3. जैसे मान लीजिए किसी पहाड़ के एक तरफ लोग रहते हैं, जहां अमूमन लैंडस्लाइड नहीं आता लेकिन उसी पहाड़ के दूसरी  तरफ जहां लोग नहीं रहते और वहां लोगों का पहुंचना भी मुश्किल है उस जगह बार-बार छोटे-छोटे लैंडस्लाइड आते हैं. हालांकि उसकी जानकारी किसी को नहीं होती लेकिन दूसरी तरफ लैंडस्लाइड आने का मतलब ये है कि पहाड़ के दूसरी तरफ यानी जहां लोग रह रहे हैं, उस तरफ भी एक न एक दिन लैंडस्लाइड जरूर आएगा. Cascade ऐप के जरिए उस जगह की भी लैंडस्लाइड मैपिंग की जा सकती है, जहां लोगों का पहुंचना आसान नहीं है या फिर जहां के लैंडस्लाइड किसी की नजर में आती ही नहीं है.

क्या होता है भूस्खलन 
लैंडस्लाइड या भूस्खलन वैसे तो एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन आजकल प्रकृति के साथ मानवीय हस्तक्षेप को भी बड़ी वजह माना जाता है. पहाड़ी क्षेत्रों से चट्टानों का गिरना, जमीन का खिसकना, कीचड़ का तेज बहाव या मलबे का विनाशकारी प्रवाह को भूस्खलन नाम दिया गया है. भूस्खलन सिर्फ पहाड़ों पर ही नहीं होता. इसे हिमालय से लेकर केरल तक में देखा जाता है. किसी स्थान पर लैंडस्लाइड हुआ है, इसे तब माना जाता है जब 10 वर्ग मीटर की जमीन एकसाथ खिसक जाए. विनाशकारी भूस्खलन तीन कारणों से होता है. पहला वनों की अंधाधुंध कटाई. दूसरा भूकंप और तीसरा बेहद तेज बारिश.


 

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