IIT Jodhpur ने बनाया एयर स्टेरलाइजर, 99.99 फीसदी हानिकारक विषाणुओं का खात्मा करने में सक्षम, जानें कहां-कहां कर सकते हैं उपयोग

आईआईटी जोधपुर के फिजिक्स विभाग के प्रो. राम प्रकाश ने बताया कि हमने कोविड महामारी के दौरान घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए एयर स्टेरलाइजर को बनाने पर काम करना शुरू किया था. तीन साल की मेहनत के बाद हमने नॉवेल कोड प्रौद्योगिकी पर आधारित इंडोर एयर स्टेरलाइजर को तैयार किया है. 

Air Sterilizer
gnttv.com
  • जोधपुर,
  • 05 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:27 AM IST
  • नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है शोध
  • जल्द इस डिवाइस का व्यावसायिक उत्पादन होगा शुरू 

आईआईटी जोधपुर के वैज्ञानिकों ने घरों में शुद्ध हवा सुनिश्चित करने के लिए कोल्ड-प्लाज्मा डिटर्जेंट इन एनवायरनमेंट  डिवाइस विकसित किया है. यह एक तरह का एअर प्यूरीफायर है, जो हवा में मौजूद 99.99 फीसदी हानिकारक विषाणुओं को निष्क्रिय करने में सक्षम है. 

तीन साल के शोध के बाद मिली सफलता
करीब तीन साल के शोध के बाद आईआईटी ने अपनी इंक्यूबेटेड एक स्टार्टअप कंपनी के मार्फत इसे लांच किया है. खास बात यह है कि इसका उपयोग भविष्य में घरों, बाजार, मॉल, कार में लगने वाले एसी के साथ इबिल्ड कर भी किया जा सकेगा. इस शोध के परिणाम दुनिया के प्रतिष्ठित नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं. जल्द इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरू होगा. 

जल्द बाजार में होगा उपलब्ध 
आईआईटी के फिजिक्स विभाग के प्रो. राम प्रकाश ने बताया कि हमने कोविड महामारी के दौरान घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए इस पर काम करना शुरू किया था. तीन साल की मेहनत के बाद हमने नॉवेल कोड प्रौद्योगिकी पर आधारित इंडोर एयर स्टेरलाइजर को तैयार किया है. यह जल्द बाजार में भी उपलब्ध होगा.

कोड डिवाइस के हैं कई लाभ 
प्रो. राम प्रकाश ने बताया कि इस कोड डिवाइस के कई लाभ हैं. खास तौर से अस्पतालों में संक्रमण को कम करने के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा. इस शोध से जुडे प्रो अंबेश दीक्षित ने बताया कि इसका उपयोग हम ऑफिस, घर, पब्लिक प्लेस, स्कूल्स, कॉलेज, बड़े शॉपिंग मॉल, टैक्सियां, ट्रेनें, सिनेमा हॉल व पब्लिक हॉल में कर सकेंगे. इस तकनीकी से इंडोर प्लेसेज में गुणवत्ता से भरपूर एक शुद्ध वातावरण बनाया जा सकता है.

हवा में संक्रमण कम करने में है उपयोगी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायु प्रदूषण मुख्य रूप से पुरानी बीमारियों के खतरों को बढ़ाने के पांच  कारणों में से एक है. हम भोजन की तुलना में आठ गुना अधिक और पानी की तुलना में चार गुना अधिक ऑक्सीजन या हवा को ग्रहण करते हैं. इंडोर जगहों पर ऑक्सीजन में आमतौर पर बाहरी हवा की तुलना में लगभग 2 से 5 गुना अधिक प्रदूषण होता है. हर साल हम देख रहे हैं कि एक नये बैक्टीरिया या वायरस की उत्पत्ति हो रही है, जिससे बीमारियां और महामारी उत्पन्न हो रहीं है. ऐसे में हवा में संक्रमण कम करने में यह उपयोगी है.

सक्रिय आयन 25 सेकेंड से अधिक समय तक रहते हैं क्रियाशील 
आईआईटीजे की नॉवेल कोड प्रौद्योगिकी पर्यावरण में कोल्ड प्लाज्मा डिटर्जेंट (डिटर्जेंट की प्रसिद्ध प्रकृति) उत्पन्न करती है, जिसमें आवश्यक मात्रा में विशिष्ट आयन होते हैं. इस तकनीक में सक्रिय आयन 25 सेकेंड से अधिक समय तक क्रियाशील रहते हैं ताकि लम्बे समय तक जीवित रहने वाले रोगाणुओं को प्रभावी रूप से निष्क्रिय किया जा सके. 

यह तकनीक वातावरण में आवश्यक क्वासी नेचुरल इलेक्ट्रिक एडमोस्फियर बनाती है. जिससे प्रकृति  की तरह पॉजिटिव एवं नेगेटिव चार्ज संतुलित रहे और एयरोसोल में हानिकारक रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए अपना वातावरण विकसित करती है. इस तकनीक का इलेक्ट्रिक कंजेप्शन खपत काफी कम होता है. 4 इंच का डिवाइस पांच वॉट से चलता है, जो बैक्टीरिया, फंगस और वायरस को निष्क्रिय करता है. साथ ही धूल और पराग कणों को आसानी से पकड़ता है, दुर्गंध को दूर करता है.

(अशोक शर्मा की रिपोर्ट)

 

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