गगनयान लॉन्च के एक और कदम करीब पहुंचा भारत, इसरो ने क्रायो इंजन का किया सफल परीक्षण

इसरो के अनुसार, जिन उद्देश्यों से ये टेस्ट किया गया था इसने उन्हें पूरा किया है. टेस्टिंग की इस पूरी अवधि के दौरान इंजन के पैरामीटर पहले से सोचे हुए एक्वेशन्स से मेल खाते हैं.

गगनयान प्रोग्राम
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:37 AM IST
  • गगनयान के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर साबित होगा
  • आगे होंगे और भी टेस्ट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) गगनयान प्रोग्राम को लॉन्च करने के एक कदम और करीब आ गया है. बुधवार को इसरो ने तमिलनाडु में महेंद्रगिरि के इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC) में 720 सेकंड की अवधि के लिए क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया. 

इसरो ने अपने बयान में कहा,  ‘‘12 जनवरी 2022 को महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में गगनयान प्रोग्राम के लिए 720 सेकंड के लिए क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया गया. यह परीक्षण मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम गगनयान के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर साबित होगा. यह क्रायोजेनिक इंजन की विश्वसनीयता और मजबूती सुनिश्चित करता है."

इसरो के अनुसार, जिन उद्देश्यों से ये टेस्ट किया गया था इसने उन्हें पूरा किया है. टेस्टिंग की इस पूरी अवधि के दौरान इंजन के पैरामीटर पहले से सोचे हुए एक्वेशन्स  से मेल खाते हैं.

आगे होंगे और भी टेस्ट 

इसरो ने आगे कहा कि इसके अलावा क्रायोजेनिक इंजन को अभी 1810 सेकेंड की कुल अवधि के लिए चार और टेस्ट से गुजरना होगा.  इसके बाद, गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रायोजेनिक इंजन की योग्यता को पूरा करने के लिए एक और इंजन को दो छोटी अवधि के टेस्ट से और फिर फाइनल में एक लंबी अवधि के टेस्ट से गुजरेगा. जिसके बाद इसे गगनयान प्रोग्राम के लिए तैयार माना जाएगा. 

एस सोमनाथ को बनाया गया अध्यक्ष  

गौरतलब है कि हाल ही में वरिष्ठ रॉकेट साइंटिस्ट एस सोमनाथ को इसरो का नया अध्यक्ष बनाया गया है. एस सोमनाथ, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवनंतपुरम के निदेशक हैं. ये इसरो के 10वें अध्यक्ष होने के साथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव की जिम्मेदारी संभालने वाले हैं. एस सोमनाथ के शिवन की जगह लेने वाले हैं, जिनका कार्यकाल 14 जनवरी को पूरा हो रहा है. 

बता दें, निदेशक बनने से पहले एस सोमनाथ लिक्विड प्रपोजल सिस्टम्स सेंटर के निदेशक रह चुके है. उन्होंने चंद्रयान-2 के लैंडर के इंजन के विकास में भी योगदान दिया है.
 

 

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