लॉन्च हुआ कैंसर के लिए भारत का पहला जीन-आधारित ट्रीटमेंट CAR-T Cell Therapy, कैसे करेगा ये काम, जानिए

इस ट्रीटमेंट में व्यक्ति की टी सेल्स को हटाया जाता है. इन्हें मोडिफाई किया जाता है और फिर इन CAR-T सेल्स को रोगी के ब्लड फ्लो में वापस भेज दिया जाता है, जहां वे कैंसर सेल्स को टारगेट करते हैं और मार देते हैं. 

Cancer treatment (Photo: Unsplash)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST
  • कम कीमत पर होगा उपलब्ध 
  • हर दिन आते हैं कैंसर के मरीज 

कैंसर के खिलाफ भारत ने अपनी लड़ाई तेज कर दी है. कैंसर के लिए भारत का पहला जीन-आधारित ट्रीटमेंट CAR-T Cell थेरेपी लॉन्च कर दी गई है. आईआईटी बॉम्बे ने इस पहले स्वदेशी रूप से बनाए गए ट्रीटमेंट को लॉन्च किया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस एडवांस ट्रीटमेंट का उद्घाटन किया है. बता दें, आईआईटी बॉम्बे, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल और ImmunoACT ने मिलकर इसे बनाया है. 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत इसे लॉन्च किया है. इस CAR-T सेल थेरेपी को आत्मनिर्भर भारत अभियान को देखते हुए ही लॉन्च किया गया है. इससे देश भर में अनगिनत कैंसर रोगियों को जीवनदान मिल सकेगा. आईआईटी बॉम्बे, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल और इम्यूनोएसीटी के बीच साझेदारी से स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों से निपटा जा सकेगा. 

कम कीमत पर होगा उपलब्ध 

CAR-T सेल थेरेपी, पहले केवल पश्चिमी देशों में होती थी. साथ ही इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा होती थी. लेकिन आईआईटी बॉम्बे का ये ट्रीटमेंट लागत प्रभावी है. इस सस्ते कैंसर ट्रीटमेंट से भारत में रोगियों को बोझ उठाए बिना ही एडवांस ट्रीटमेंट मिल सकेगा. 

क्या है CAR-T थेरेपी? 

CAR-T सेल थेरेपी को काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल थेरेपी के रूप में भी जाना जाता है. इसमें कैंसर सेल्स को टारगेट करने और नष्ट करने के लिए शरीर के इम्यून सिस्टम का उपयोग किया जाता है. और फिर इस तरह कैंसर का ट्रीटमेंट किया जाता है. इस थेरेपी में कैंसर सेल्स को पहचानने और उन पर हमला करने के लिए रोगी की टी-सेल्स को मॉडिफाई किया जाता है. फिर कैंसर ट्रीटमेंट के लिए इन सबको टारगेट किया जाता है. 

कई सप्ताह लगते हैं इस ट्रीटमेंट में

CAR-T सेल थेरेपी काफी मुश्किल प्रोसेस है. इसमें कई सप्ताह लग सकते हैं. लोगों को CAR-T सेल थेरेपी के बाद निगरानी में रखा जाता है. जिसकी वजह से उन्हें कई दिन अस्पताल में रहना पड़ सकता है.

काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर-टी सेल थेरेपी (CAR-T थेरेपी) इम्यूनोथेरेपी का एक रूप है, जिसमें व्यक्ति की टी सेल्स को हटाया जाता है. इन वाइट ब्लड सेल्स जिन्हें लिम्फोसाइट्स के रूप में जाना जाता है को मोडिफाई किया जाता है. फिर इन CAR-T सेल्स को रोगी के ब्लड फ्लो में वापस भेज दिया जाता है, जहां वे कैंसर सेल्स को टारगेट करते हैं और मार देते हैं. 

हर दिन आते हैं कैंसर के मरीज 

आज दुनियाभर में कैंसर के चुनौती बना हुआ है. ऐसे में CAR-T सेल थेरेपी को लॉन्च करना काफी जरूरी हो जाता है. अकेले भारत में, हर साल कैंसर से लाखों लोगों की जान चली जाती है, आने वाले कुछ सालों में यह संख्या काफी बढ़ने का अनुमान है. CAR-T सेल थेरेपी की शुरुआत कैंसर रोगियों के लिए आशा की किरण के रूप में हुआ है. 

 

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