NASA-ISRO Mission: लंबे समय से टल रहा नासा और इसरो का संयुक्त मिशन 'निसार' इस साल जून में लॉन्च हो सकता है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के चेयरमैन वी नारायणन ने विज्ञान मंत्री जीतेंद्र सिंह के साथ हुई एक बैठक में इसका खुलासा किया. नारायणन ने कहा कि 'नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर सैटलाइट' उर्फ निसार (NISAR) को असेंबली स्टेज में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था लेकिन अब वह लॉन्च के करीब है.
क्या है निसार का मिशन
निसार के लॉन्च की तारीख अभी निर्धारित नहीं हुई है. लेकिन यह नासा और इसरो का पहला संयुक्त मिशन है. निसार को नियमित अंतराल पर पृथ्वी का बेहद महीन निरीक्षण करने के लिए अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है. यह सैटलाइट एक खास जगह पर एक सेंटीमीटर जितने छोटे बदलाव भी कैप्चर कर सकती है.
निसार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, "नासा-इसरो एसएआर (निसार) मिशन पृथ्वी के बदलते इकोसिस्टम, गतिशील सतहों और बर्फ के 'ढेरों' को मापेगा. इससे बायोमास, प्राकृतिक खतरों, समुद्र में पानी के स्तर में वृद्धि और भूजल के बारे में जानकारी मिलेगी. साथ ही अन्य अनुप्रयोगों में भी मदद मिलेगी."
आसान शब्दों में, यह सैटलाइट पृथ्वी की सतह पर हो रहे कई अहम बदलावों की निगरानी कर सकेगी. मिसाल के तौर पर, यह घटते हुए ग्लेशियर और जंगलों के अलावा भूकंप और ज्वालामुखियों में हलचल के दौरान होने वाले बदलावों का भी अवलोकन कर सकेगी. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह सैटलाइट क्लाइमेट चेंज या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा के संबंध में इंसानों की समझ में इज़ाफा कर सकेगी.
क्यों हुई लॉन्च में देरी?
निसार को पिछले साल के शुरुआती छह महीनों में लॉन्च किया जाना था. सैटलाइट को प्रमुख रूप से अमेरिका में तैयार किया गया है जबकि इसके कुछेक हिस्से भारत से वहां भेजे गए थे. सैटलाइट को आखिरी टेस्टिंग के लिए 2023 में बेंगलुरु लाया गया. इस टेस्टिंग के दौरान पता चला कि 12 मीटर के एक एंटीना में सुधार की ज़रूरत थी.
इसी वजह से सैटलाइट को दोबारा अमेरिका भेजना पड़ा. जरूरी सुधार के बाद निसार को इसरो के कैलेंडर में इस साल शामिल किया गया था, हालांकि इसकी कोई तारीख निर्धारित नहीं हुई थी. निसार से पहले इसरो के पास मई में दो और अहम मिशन हैं. इसरो को एक ऑब्जर्वेशन सैटलाइट ईओएस-09 लॉन्च करने के अलावा गगनयान का टेस्ट व्हीकल डी2 भी लॉन्च करना है.