अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों ने कहा है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 12 जुलाई को चंद्र मिशन चंद्रयान -3 के तीसरे एडिशन को लॉन्च करने की उम्मीद है. हालांकि, इसरो ने आधिकारिक तौर पर तारीखों की पुष्टि नहीं की, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि प्रोजेक्ट समय पर है.
एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को कहा, "परियोजना सही रास्ते पर है और जिस तरह से चीजें आगे बढ़ रही हैं, लॉन्च 12 जुलाई को होने की उम्मीद है." इसके चांद पर पहुंचने की संभावना 23 अगस्त की है.
शुरू हो चुकी है प्रक्रिया
अंतरिक्ष विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि पिछले हफ्ते, अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रयान -3 के पेलोड के लिए असेंबली प्रक्रिया शुरू की, जिसका उद्देश्य जुलाई लॉन्च सुनिश्चित करना था.
पेलोड को बैंगलोर में यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) में इकट्ठा किया जा रहा है, जहां से इसे प्रक्षेपण के लिए श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष पोर्ट भेजा जाएगा. मिशन को जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV Mk-3) पर लॉन्च किया जाएगा.
उम्मीद है, सब कुछ योजना के अनुसार ही रहेगा.
चंद्रयान-3 में है स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल
चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल, एक प्रोपल्शन मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है. लैंडर और रोवर के पास चंद्र सतह पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक पेलोड होंगे. मिशन के उद्देश्यों में अंतर्ग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों का विकास और प्रदर्शन शामिल है.
लैंडर के पास एक निर्दिष्ट चंद्र स्थल पर सॉफ्ट लैंड करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता होगी.चंद्रयान कार्यक्रम, जिसे भारतीय चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के रूप में भी जाना जाता है, इसरो के आउटर स्पेस मिशन की एक ऑनगोइंग सीरिज है.
इसरो भेज चुका है दो चंद्रयान
पहला चंद्र रॉकेट, चंद्रयान -1, 2008 में लॉन्च किया गया था, और सफलतापूर्वक चंद्र कक्षा में पहुंच गया था. चंद्रयान -2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था और 2019 में चंद्र की कक्षा में पहुंच गया था, लेकिन इसका लैंडर चंद्रमा की सतह पर "दुर्घटनाग्रस्त" हो गया था. अब देश को चंद्रयान-3 से उम्मीदें हैं.