सौर मिशन पर निकले इसरो के स्पेसक्राफ्ट आदित्य एल1 को पहली कामयाबी मिली है. आदित्य एल1 मिशन के पेलोड HEL1OS ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई-एनर्जी एक्सरे निकाला है. इसरो ने बताया कि आदित्य एल1 पर लगे स्पेक्ट्रोमीटर ने 29 अक्टूबर से अपने पहले ऑब्जर्वेशन पीरियड के दौरान सोलर फ्लेयर के आवेगपूर्ण चरण को रिकॉर्ड किया है. HEL1OS डेटा रिसर्चर्स को सोलर फ्लेयर्स के आवेगपूर्ण चरणों के दौरान विस्फोटक ऊर्जा रिलीज और इलेक्ट्रॉन त्वरण की स्टडी करने में सक्षम बनाता है. बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप ने HEL1OS को विकसित किया था.
सूर्य की निगरानी कर रहा HEL1OS-
सौर वातावरण का अचानक चमकना सोलर फ्लेयर कहा जाता है. यह फ्लेयर्स रेडियो, ऑप्टिकल, यूवी, सॉफ्ट एक्सरे, हार्ड एक्सरे और गामारे में सभी वेवलेंथ्स की स्पेक्ट्रम बनाती हैं. 27 अक्टूबर को शुरू किया गया एचईएल1ओएस एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर वर्तमान में थ्रेशोल्ड और कैलिबरेशन ऑपरेशन के सुधार के दौर से गुजर रहा है. इसके बाद से यह कठिन एक्सरे गतिविधियों के लिए सूर्य की निगरानी कर रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसरो ने लिखा कि यह उपकरण सूर्य की हाई एनर्जी एक्सरे गतिविधि की निगरानी करने के लिए तैयार है, जिसमें तेज समय और हाई रिजॉल्यूशन स्पेक्ट्रा है.
अक्टूबर में शुरू हुआ था अभियान-
HEL1OS को बेंगलुरु में इसरो के यूआर राव उपग्रह सेंटर के स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप ने विकसित किया था. अक्टूबर की शुरुआत में इसरो के सौर मिशन पर गए आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान ने करीब 16 सेकंड के लिए टीसीएम का प्रदर्शन किया. उस वक्त इसरो ने कहा था कि 19 सितंबर को ट्रांस लैग्रेंजन प्वाइंट 1 इंसर्शन प्रोसेस को ट्रैक करने के बाद मूल्यांकन किए गए प्रक्षेपवक्र को सही करने के लिए प्रैक्टिस की जरूरत थी. आदित्य एल1 ने वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है.
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