अंतरिक्ष में बहुत सारे ग्रह और सितारे होने की बात अब पुरानी हो गई है. नई खोज के मुताबिक अंतरिक्ष में अल्कोहल मौजूद है, और ये शराब किसी लापारवाह अंतरिक्ष यात्रियों ने नहीं भेजी है.ये शराब सुक्ष्म आण्विक रूप में मौजूद हैं. इसे लेकर शोधकर्ताओं का मानना है कि उन्होंने अंतरिक्ष में प्रोपेनॉल के रूप में अब तक के सबसे बड़े अल्कोहल अणु की खोज की है.
प्रोपेनॉल अणु दो फॉर्म में पाया जाता है. पहला सामान्य प्रोपेनॉल जो अंतरिक्ष में उन क्षेत्र में पाया गया है जहां सितारे बन रहे हैं. दूसरा हैआइसो प्रोपेनॉल. आइसो प्रोपेनॉल का इस्तेमाल हैंड सैनेटाइजर बनाने में इस्तेमाल होता है. दोनों ही तरह के प्रोपेनॉल को अभी तक आकाश गंगा के बाहर अंतरिक्ष में नहीं देखा गया था. इसलिए ये खोज पूरी तरह से नयी है. ये दावा किया जा रहा है कि ये खोज उल्कापिंड और धूमकेतु जैसे खगोलीय पिंडों के बनाने में मददगार साबित हो सकती है.
आकाशगंगा के पास मिले अल्कोहल के अणु
अंतरिक्ष पर मिले अल्कोहल के अणु सितारों के पैदा होने वाले क्षेत्र सैगिटेरियस B2 क्षेत्र में मिले हैं. सैगिटेरियस B2 हमारी हमारी मिल्की वे आकाशगंगा के करीब पाई जाती है. ये भी बताया गया है कि अंतरिक्ष में इस तरह का आणविक विश्लेषण पिछले 15 सालों से चल रहा है. इसे तेजी से अंजाम देने के लिए 10 साल पहले चिली में अटाकामा लार्ज मिलिमीटर/सबमिलिमीटर एरे (ALMA) टेलीस्कोप तैनात किया गया था.
ALMA के जरिए अंतरिक्ष की गहराइयों तक देखने में मददगार साबित हुई है, और अब शोधकर्ताओं को ऐसे अणुओं की पहचान करने में मदद मिली है जो पहले कभी नहीं दिखाई दिए थे. अब ये पता लगाया जा रहा है कि सितारे बनाने में किस तरह के अणु जुड़ते हैं.