एचआईवी को लेकर दुनिया में कई सारी अफवाहें हैं. हालांकि, इन्हें रोकने और इस बीमारी का इलाज ढूंढने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. एचआईवी के ट्रीटमेंट के लिए अब कैबोटेग्रेविर (Long-Acting Cabotegravir) नाम की इंजेक्टेबल दवाई शत प्रतिशत प्रभावी पाई गई है. बताते चलें कि एक साल पहले, अमेरिका ने एचआईवी को रोकने वाली इस नई इंजेक्शन वाली दवा को मंजूरी दी थी.
100 प्रतिशत प्रभावी है दवाई
सफल क्लिनिकल ट्रायल के बाद, लंबे समय तक काम करने वाला कैबोटेग्रेविर एचआईवी को रोकने में लगभग 100 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है. इसे एचआईवी प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) के रूप में उपयोग के लिए 20 दिसंबर, 2021 को अमेरिका में अप्रूव किया गया था. इसका मतलब है कि एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए पात्र व्यक्ति अब हर आठ सप्ताह में यह दवा ले सकता है.
क्या है ये नई दवाई?
लंबे समय तक काम करने वाला ये इंजेक्टेबल PrEP काफी नया है. वहीं, अभी तक लोग केवल ओरल PrEP यानि वो दवाई जो या तो रोज या फिर सेक्शुअल एक्टिविटी वाले समय पर ली जाती है, को अमेरिका में 2012 में वापस मंजूरी दे दी गई थी. ओरल PrEP लगातार लेने पर ये दवाई हाल ही में हुए एचआईवी के जोखिम को लगभग 100 प्रतिशत कम कर देती है, लेकिन अब जो क्लीनिकल ट्रायल किए गए हैं उसमें पाया गया है कि इंजेक्टेबल पीआरईपी और भी ज्यादा प्रभावी है.
क्या है इंजेक्टेबल दवाई के फायदे?
बता दिए, इंजेक्टेबल पीआरईपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हर दो महीने में इंजेक्शन के लिए जाना हर दिन गोलियां लेने, या यौन क्रिया से पहले और बाद में गोलियां लेने की तुलना में याद रखना बहुत आसान होता है. ओरल दवाई से इंजेक्शन वाली दवाई पर स्विच करने का मतलब है कि व्यक्ति अधिक आसानी से अनुपालन बनाए रख सकते हैं. हालांकि कुछ लोग शॉट्स के बजाय गोलियां खाना पसंद कर सकते हैं, इंजेक्शन वाली दवाई एक दूसरा ऑप्शन है.
इंजेक्टेबल और ओरल PrEP दोनों ही सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी हैं. इंजेक्टेबल पीआरईपी में सूजन, लाल हो जाना और दर्द सहित इंजेक्शन साइट पर हल्के से साइड इफेक्ट्स होते हैं. गौरतलब है कि कई दूसरे नए एचआईवी पीआरईपी ऑप्शन भी हैं जिनपर अभी भी क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है.