Human Hair Sponge: इंसान के बालों से वैज्ञानिकों ने बनाया खास तरह का स्पंज, पानी से सोख लेगा तेल

लखनऊ में दो युवा वैज्ञानिकों मे बालों से एक खास, अनोखे तरीके का स्पंज बनाया है जो पानी और तेल को अलग कर सकता है. यह स्पंज पानी में से तेल को सोख सकता है जिससे वाटर बॉडीज के साथ-साथ पर्यावरण की भी मदद हो सकती है.

Unique sponge to separate oil from water
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 17 जून 2024,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST

अच्छे, घने बाल किसे नहीं चाहिए होते हैं लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आपके बाल किसी बड़ी मुश्किल में भी मददगार हो सकते हैं. आपने शायद ये सोचा भी नहीं होगा कि इंसान के बालों से बना स्पंज पानी में मिले किसी भी तरह के तेल को अलग कर सकता है. वह भी ऐसे कि तेल में पानी की एक बूंद न मिले और इस तेल का दोबारा प्रयोग किया जा सके. लखनऊ के वैज्ञानिकों ने रिसर्च करके 'Human Hair Sponge' बनाया है. 

लखनऊ में अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर एड्वांस स्टडीज की अत्याधुनिक और Hi-Tech lab एक नए प्रयोग की गवाह बनी है. यहां दो वैज्ञानिकों, डॉ सौरभ मिश्रा और डॉ अनुज शर्मा ने क़रीब दो साल की मेहनत और रिसर्च के बाद एक ऐसा स्पंज तैयार किया है जो तेल को पानी से अलग कर सकता है. यह मामूली का दिखने वाला स्पंज क़तई मामूली नहीं है, क्योंकि यह इंसान के बालों से तैयार किया गया है. इसकी खूबी यह है कि पानी में चाहे किसी भी तरह का तेल मिला हो पर इसमें ये स्पंज डालने पर तेल को सोख लेता है. यह खास स्पंज सिर्फ तेल को सोखता है न कि पानी को.  

इको-सिस्टम को बचाने में मददगार 
दरअसल, बहुत बार समुद्र या नदी में किसी तेल या तैलीय पदार्थ मिलने की खबरें आती रहती हैं. इसकी वजह कुछ भी हो सकती है लेकिन इससे पूरे पानी के ईको सिस्टम को नुक़सान होता है. सतह पर तेल बैठ जाने से जलीय जीव और मछलियां सांस नहीं ले पातीं. जिस कारण उनकी मौत हो जाती है. इस स्पंज से अब किसी भी तरह के तेल को पानी की सतह से अलग किया जा सकेगा. 

इस स्पंज को इंसान के बालों को जलाकर और उसमें पॉलीमर मिला कर बनाया गया है. इस पूरी प्रक्रिया की ख़ास बात ये है कि ये स्पंज पानी की एक बूंद भी नहीं सोखता है, जिसकी वजह से सिर्फ़ तेल इस स्पंज में आता है. वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि इस तेल को दोबारा स्पंज से अलग करके पहले की तरह इस्तेमाल के लाया जा सकता है. 

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शोध तीन चरणों में हुआ है. इस स्पंज के साइज़ को ज़रूरत के अनुसार बढ़ाया या घटाया जा सकता है. फ़िलहाल पेटेंट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के नियमों के तहत आवेदन किया गया है जो आख़िरी चरण में है. अगर ये स्पंज प्रयोग किया जाता है तो यह पर्यावरण और ख़ास तौर पर पानी को शुद्ध करने के लिए महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि होगी. साथ ही जलीय जीव जंतुओं को भी बचाया जा सकेगा. 

 

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