Lung Cancer Vaccine: फेफड़ों के कैंसर को खत्म करेगी LungVax, बनाई जा रही है दुनिया की पहली लंग कैंसर वैक्सीन 

लंगवैक्स वैक्सीन को अपने आप में मेडिकल की दुनिया में एक क्रांति की तरह देखा जा रहा है. ये वैक्सीन इम्यून सिस्टम को इस तरह से ट्रेन करती है कि वे इन कैंसर सेल्स को टारगेट करके खत्म कर देता है. 

Liver Cancer (Photo: Unsplash)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 3:48 PM IST
  • दुनिया की पहली लंग कैंसर वैक्सीन 
  • कई लोगों की चली जाती है जान

जल्द ही फेफड़ों के कैंसर (Liver Cancer) के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी. इसके लिए काम शुरू हो गया है. ब्रिटिश शोधकर्ता फेफड़ों के कैंसर के लिए दुनिया का पहला टीका बनाने की कगार पर हैं. इस वैक्सीन का नाम "लंगवैक्स" (LungVax) है. इसकी मदद से फेफड़ों पर मौजूद कैंसर सेल्स को टारगेट करके खत्म किया जा सकेगा. इसके लिए इम्यून सिस्टम (Immune System) को इस तरह से ट्रेन किया जाता है कि वे इन कैंसर सेल्स को टारगेट करके खत्म कर देता है. 

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में यह वैक्सीन बनाई जा रही है. इस वैक्सीन को अपने आप में मेडिकल की दुनिया में एक क्रांति की तरह देखा जा रहा है. 

लंगवैक्स वैक्सीन कैसे करती है काम?

लंगवैक्स फेफड़ों के कैंसर सेल्स (Liver Cancer Cells) पर पाए जाने वाले "रेड फ्लैग" प्रोटीन (Red Flag Protein), जिन्हें नियोएंटीजन के रूप में जाना जाता है, की पहचान करता है और उन्हें टारगेट करता है. ये प्रोटीन अक्सर कैंसर के म्यूटेशन को जगह देता है, जिससे ये इम्यून सिस्टम के लिए एक टारगेट बन जाते हैं. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca) कोविड वैक्सीन के समान, लंगवैक्स इम्यून रिस्पांस को स्टिम्युलेट करने के लिए डीएनए के एक स्ट्रैंड का उपयोग करता है और शरीर को इन असामान्य प्रोटीनों को पहचानने और नष्ट करने के लिए प्रेरित करता है.

कई लोगों की चली जाती है जान

फेफड़ों का कैंसर ब्रिटेन में सबसे खतरनाक कैंसरों में से एक बना हुआ है. इससे हर साल 50,000 मामलों में से लगभग 35,000 लोगों की जान चली जाती है. खासकर उन लोगों को इससे ज्यादा खतरा होता है जो लोग स्मोकिंग करते हैं. 55-74 उम्र से लोगों में इसका जोखिम ज्यादा होता है. लंगवैक्स क्लिनिकल ट्रायल का नेतृत्व करने वाली प्रोफेसर मरियम जमाल-हंजानी फेफड़ों के कैंसर से बचने की दर में सुधार के लिए नवीन समाधानों को ढूंढने की जरूरत है. 

90% कैंसर को कवर कर सकती है वैक्सीन 

लंगवैक्स वैक्सीन करीब 90% तक फेफड़ों के कैंसर को कवर करने की क्षमता रखती है. इस वैक्सीन की मदद से रोगियों और हेल्थकेयर प्रोफेशनल को काफी फायदा होगा. हालांकि, साथ ही साथ प्रोफेसर मरियम जमाल-हंजानी ने सलाह दी कि फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि स्मोकिंग छोड़ दी जाए. 

बता दें, आज भी फेफड़ों का कैंसर एक खतरनाक बीमारी बना हुआ है. हालांकि, जब फेफड़ों में सेल्स जब असामान्य हो जाती हैं तो वे ट्यूमर बन सकती हैं. साथ ही शरीर के दूसरे हिस्सों में मेटास्टेसिस कर सकती हैं. 

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