इंसान के खून में पहली बार मिला माइक्रोप्लास्टिक, डराने वाला है यह शोध

भले ही सैंपल्स में मिले माइक्रोप्लास्टिक का स्तर कम है लेकिन यह चिंता को विषय है. आने वाले समय सें इसके क्या दूष्परिणाम हो सकते हैं, यह कह पाना मुश्किल है. पर इस विषय पर शोध जारी है. 

Representational Image (Photo: Wikimedia Commons)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST
  • मानव रक्त में मिले माइक्रोप्लास्टिक के अंश
  • भविष्य में हो सकते हैं दुष्परिणाम

प्लास्टिक के बहुत सुक्ष्म कणों का माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है और ये प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है. हैरानी की बात यह है कि पहली बार मानव रक्त में माइक्रोप्लास्टिक के अंश मिले है. जी हां, नीदरलैंड के शोधकर्ताओं के एक समूह ने यह परीक्षण किया है. जिसमें लगभग 80 प्रतिशत सैंपल्स में इसका पता चला है. 

यह खोज अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पता चलता है कि माइक्रोप्लास्टिक इंसान के पूरे शरीर में हो सकता है और किसी भी अंग में रह सकता है. और यह हानिकारक है. माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के छोटे टुकड़े होते हैं जिनका व्यास 0.2 इंच (5 मिमी) से कम होता है. 

पर्यावरण इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 22 लोगों के बल्ड सैंपल का विश्लेषण किया और उनमें से 17 में माइक्रोप्लास्टिक पाया. 

प्रदूषण का मुख्य कारण है प्लास्टिक:

22 में से आधे सैंपल्स में पीईटी (पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट) मिला, जिसका उपयोग पेय की बोतलें बनाने के लिए किया जाता है. शोध के अनुसार, फूड पैकेजिंग में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले पॉलीस्टाइनिन 36 प्रतिशत सैंपल्स में, तो फिल्मों और बैग की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले पॉलीइथाइलीन, 23 प्रतिशत सैंपल्स में पाया गया. 

भले ही सैंपल्स में मिले माइक्रोप्लास्टिक का स्तर कम है लेकिन यह चिंता को विषय है. आने वाले समय सें इसके क्या दूष्परिणाम हो सकते हैं, यह कह पाना मुश्किल है. पर इस विषय पर शोध जारी है. 

 

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