अब तक आपने सिर्फ महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक दवाओं के बारे में सुना-पढ़ा होगा. लेकिन अब बहुत जल्द पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक दवाइयां बाजार में आने वाली हैं. जी हां, एक नए अध्ययन में पुरुषों के लिए दो गर्भनिरोधक गोलियों पर एक्सपेरिमेंट किया गया है. स्टडी के मुताबिक, ये गोलियां बिना किसी गलत असर के, प्रभावी रूप से टेस्टोस्टेरोन को कम करती हैं.
यह स्टडी अटलांटा, जीए में एंडोक्राइन सोसाइटी के एनुअल आयोजन में पेश की जाएगी. आपको बता दें कि DMAU और 11b-MNTDC नामक दवाएं, प्रोजेस्टोजेनिक एण्ड्रोजन नामक दवाओं के एक वर्ग का हिस्सा हैं. ये दवाएं टेस्टोस्टेरोन को कम कर देती हैं, जिससे शुक्राणुओं (स्पर्म्स) की संख्या कम हो जाती है.
हालांकि, टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करना आम तौर पर दुष्प्रभावी हो सकता है, लेकिन स्टडी में पाया गया कि ज्यादातर पुरुष दवाओं का उपयोग जारी रखने के इच्छुक थे. इन पुरुषों का कहना था कि वे इससे होने वाले दुष्प्रभावों को स्वीकार कर सकते हैं.
पुरुष भी निभा सकेंगे परिवार नियोजन में भूमिका
यूनिस कैनेडी श्राइवर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट में गर्भनिरोधक विकास कार्यक्रम के प्रमुख शोधकर्ता तामार जैकबसन का कहना है कि पुरुष गर्भनिरोधक विकल्प वर्तमान में पुरुष नसबंदी और कंडोम तक ही सीमित हैं, और महिलाओं के लिए उपलब्ध विकल्पों की तुलना में बेहद सीमित हैं.
लेकिन अगर पुरुषों को और विकल्प मिलें तो वे भी परिवार नियोजन में सक्रिय भूमिका निभा पाएंगे.
96 पुरुषों पर किया गया प्रयोग
स्टडी को दो स्टेप्स में पूरा किया गया. क्लीनिकल ट्रायल्स में 96 स्वस्थ पुरुष प्रतिभागी शामिल हुए. हर एक ट्रायल में पुरुषों को 28 दिनों के लिए प्रतिदिन एक्टिव ड्रग या प्लेसेबो की दो या चार ओरल गोलियां लेनी थी. ट्रायल में देखा गया कि सात दिनों के बाद, टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य सीमा से नीचे चला गया. प्लेसबो लेने वाले पुरुषों में, टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य सीमा के भीतर रहा.
अध्ययन में पाया गया कि एक्टिव ड्रग लेने वाले 75 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे भविष्य में इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे. क्योंकि इससे वे फैमिली प्लानिंग में योगदान दे सकेंगे. और महिलाओं पर जिम्मेदारी कम होगी.