स्पेस की यात्रा करने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति ने बताया कैसी है अंतरिक्ष की दुनिया, विलियम बोले- पृथ्वी पर है असली सुंदरता 

विलियम शैटनर स्पेस की यात्रा करने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं. उन्होंने 90 साल की उम्र में अंतरिक्ष में उड़ान भरी. अब स्पेस के अपने अनुभवों को उन्होंने अपनी किताब में लिखा है,

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:40 PM IST
  • एक किताब में बताए अपने अनुभव 
  • पृथ्वी पर है असली सुंदरता 

बचपन में हम अक्सर सोचते थे कि आखिर स्पेस में क्या होगा? या पृथ्वी से बाहर की दुनिया कैसी दिखती होगी. हालांकि, कई हद तक इसके जवाब भी मिले हैं. लगभग एक साल पहले, टेलीविजन के कैप्टन किर्क ने स्क्रीन स्पेस पर चार दशक पूरे किए. विलियम शैटनर ने 90 साल की उम्र में अंतरिक्ष में उड़ान भरी. जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन जॉयराइड के साथ उडान भरने वाले विलियम ऐसा करने वाले दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गए. 

एक किताब में बताए अपने अनुभव 

अब एक साल बाद उन्होंने अपनी संक्षिप्त अंतरिक्ष यात्रा की भावनाओं और अनुभव को एक पुस्तक के रूप में बताया है. विलियम ने अपनी किताब बोल्डली गो: रिफ्लेक्शंस ऑन ए लाइफ ऑफ अव एंड वंडर में बताया, "जब मैंने अंतरिक्ष में विपरीत दिशा में देखा, तो कोई रहस्य नहीं था, कोई चमत्कार देखने के लिए नहीं था, मैंने बस वहां मौत देखी.”

बताते चलें कि विलियम ने ब्लू ओरिजिन के न्यू शेफर्ड स्पेसक्राफ्ट पर तीन अन्य लोगों के साथ अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी. साल का दूसरा क्रू मिशन 10 मिनट से ज्यादा समय तक चला क्योंकि विलियम अंतरिक्ष में जाने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गए. इससे पहले ये रिकॉर्ड 82 वर्षीय वैली फंक के नाम पर था.

कैसा था एक्सपीरियंस? 

आगे अपने अनुभवों को बताते हुए विलियम कहते हैं, "स्पेस में शोर, आग और रोष के साथ, हमने लिफ्ट ऑफ किया था. मुझे पृथ्वी गायब होती दिखाई दे रही थी. हमारे पास एक उपकरण था जो हमें बताता था कि हम कितने जीएस का अनुभव कर रहे थे. दो जीएस पर, मैंने अपना हाथ उठाने की कोशिश की, और मुश्किल से ही ऐसा कर पाया. तीन ग्राम पर, मुझे लगा कि मेरा चेहरा मेरी सीट पर नीचे धकेला जा रहा है. मैंने सोचा क्या मैं अब बाहर निकल जाऊंगा? क्या मेरा चेहरा मुरझा जाएगा? कितना जीएस मेरा नब्बे वर्षीय शरीर संभाल सकता है? और फिर, अचानक मुझे राहत महसूस हुई. उस वक्त हम तैर रहे थे.” 

पृथ्वी पर है असली सुंदरता 

विलियम आगे अंतरिक्ष में तैरने के बारे में कहते हैं कि उनके अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी के चारों ओर ऑक्सीजन की पतली, नीली रंग की परत में छेद छेद कर दिया था. इसके बारे में वे कहते हैं, “यह ऐसा था जैसे हम अभी-अभी पीछे चल रहे थे, और जैसे इसे देखा, यह गायब हो गया. मुझे बस ठंडा, गहरा और काला खालीपन दिखाई दिया. यह पृथ्वी पर देखे जाने वाले किसी भी खालीपन से अलग था. मैं पृथ्वी के कर्व को देख सकता था. रेगिस्तान की बेज, बादलों की सफेदी, और आकाश का नीलापन. यह जीवन था. मैं उसे छोड़ रहा था.”

शैटनर आगे पृथ्वी के बारे में लिखते हैं, "मैंने पाया कि सुंदरता स्पेस में नहीं है, बल्कि यहां नीचे (पृथ्वी) पर है, सभी लोगों के साथ है. जब मैंने स्पेस को पीछे छोड़ा तो मेरे छोटे ग्रह से मेरा संबंध और भी गहरा हो गया. ये मेरे लिए अब तक की सबसे मजबूत भावनाओं में से एक था.”


 

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