टेक्नोलॉजी का सही से इस्तेमाल हो तो इसके अनगिनत फायदे हो सकते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) भी उसी में से के है. इसके उपयोग से ज्यादा लोगों के कैंसर का इलाज किया जा सकता है. इसे लेकर एक अस्पताल ने स्टडी की है. उस स्टडी में पाया गया कि यह रेडियोलॉजिस्ट के समय को बचाने में मदद कर रहा है.
बनाई एक नई टेक्नोलॉजी
इस AI टेक्नोलॉजी का नाम ओसायरिस है. इसे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. राज जेना के नेतृत्व वाली एक टीम ने बनाया है. ओसायरिस को एनएचएस एआई लैब में £500,000 के ग्रांट का उपयोग करके बनाया गया है. इस प्रोग्राम का इस्तेमाल अब कैम्ब्रिज में एडनब्रुक अस्पताल के सिर और गर्दन के कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर विभागों में किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट का नाम InnerEye रखा गया है. इसके तहत मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी विकसित की जा रही है.
डॉक्टरों को मिलेगी मदद
प्रोजेक्ट को लीड कर रहे डॉ. राज जेना का कहना है कि ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के लिए भी दरवाजे खोलेगा, जिससे वास्तव में चिकित्सकों पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सकेगा. टीम ने ओसायरिस पर प्रोजेक्ट इनरआई के ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया, साथ ही उन रोगियों के डेटा का उपयोग किया जिनका पहले अस्पताल में इलाज किया गया था और रिसर्च में योगदान देने के लिए सहमत हुए थे.
टाइम को कम करती है ये टेक्नोलॉजी
यह टेक्नोलॉजी डॉक्टर को स्वस्थ अंगों के इर्द-गिर्द चित्र बनाने में लगने वाले समय में कटौती करके काम करती है. ये रेडियोथेरेपी ट्रीटमेंट में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है. न्यूज वेबसाइट इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ जेना ने कहा, “ओसायरिस बैकग्राउंड में बहुत सारा काम करता है तो जब डॉक्टर ट्रीटमेंट की योजना बनाना शुरू करने के लिए बैठते हैं तो उनपर ज्यादा लोड नहीं पड़ता है. यह पहली क्लाउड-बेस्ड एआई टेक्नोलॉजी है.