ऑक्टोपस भी इंसानों की तरह सपने देखते हैं. दरअसल, नई स्टडी में सामने आया है कि सेफलोपोड्स खुद भी सोते समय सपने देख सकते हैं. माना जाता है कि ऑक्टोपस नींद के दो अलग-अलग चरणों से गुजरते हैं: "शांत नींद" (Quiet Sleep)और "सक्रिय नींद" (Active Sleep). इसमें बाद में शरीर के अंगों का फड़कना और स्किन की बनावट और पैटर्न में तेजी से बदलाव शामिल होते हैं. ये स्टडी जापान में ओकिनावा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (ओआईएसटी) के शोधकर्ताओं ने की है.
ऑक्टोपस देखते हैं सपने
स्टडी में न केवल पुष्टि की गई है कि इस एक्टिव स्टेज के दौरान ऑक्टोपस सो रहे हैं, बल्कि यह चरण इंसानों सहित vertebrates में देखी जाने वाली आरईएम नींद के साथ मैच खाती है. शोध के वरिष्ठ लेखक प्रोफेसर सैम रेइटर ने कहा कि टीम के नतीजे इस विचार के अनुरूप थे, हालांकि यह पूरी तरह साबित नहीं हो पता है कि ऑक्टोपस सपने देखते हैं.
वे कहते हैं, “हम जागने के दौरान स्किन पैटर्न को कुछ स्थितियों से जोड़ सकते हैं. तो, अगर हम सपने की तरह कुछ देख रहे हैं, तो यह एक संभावना है”. हालांकि, प्रोफेसर सैम रेइटर ने कहा कि इसके दूसरे संभावित स्पष्टीकरण भी हैं. उदाहरण के लिए ऑक्टोपस सोते समय अपने सूडो पैटर्न को रिफाइन कर सकते हैं.
29 ऑक्टोपस पर की गई स्टडी
नेचर जर्नल में लिखते हुए, टीम ने बताया कि कैसे उन्होंने वाला ये शोध किया. टीम ने 29 ऑक्टोपस का अध्ययन किया, जिससे पता चला कि कैसे दिन के उजाले के दौरान ऑक्टोपस ने अपनी आंखें बंद कर लीं और नींद से जुड़ी आराम की मुद्रा अपना ली. हर 60 मिनट में, ऑक्टोपस की स्किन के रंग में लगभग एक मिनट तक तेजी से बदलाव होता है, साथ ही सांस लेने की दर, शरीर और आंखों की एक्टिविटी में भी बदलाव होता है.
जब टीम ने टैंकों पर टैप किया और देखा कि जानवर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, तो उन्होंने पाया कि ऑक्टोपस ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दिखाईं. शोधकर्ताओं ने कहा कि इन रिजल्ट से पता चला है कि एक्टिव स्टेट में ऑक्टोपस वास्तव में सो रहे थे.