गणित में जमा करने या घटाने के लिए हमारे दिमाग में एक्टिव होते हैं अलग-अलग न्यूरॉन, रिसर्च में हुआ खुलासा

इस शोध के बारे में जर्नल 'करंट बायोलॉजी' में प्रकाशित किया गया है. रिसर्च में पता चला है कि हमारे दिमाग के कुछ न्यूरॉन्स सिर्फ गणित करते हुए ही काम करते हैं. प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को शायद पहले से पता होता है कि तीन सेब में दो और सेब जोड़ें तो पांच सेब हो जायेंगे. 

प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 15 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST
  • बॉन और ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का खुलासा
  • जर्नल 'करंट बायोलॉजी' में प्रकाशित हुआ शोध

हाल ही में, ट्यूबिंगन और बॉन विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि हमारे दिमाग में कुछ ऐसे न्यूरॉन्स होते हैं जो खासतौर पर सिर्फ मैथ्स के कॉन्सेप्ट्स जैसे जमा या घटा करते हुए ही सक्रिय होते हैं. 

इस शोध के बारे में जर्नल 'करंट बायोलॉजी' में प्रकाशित किया गया है. रिसर्च में पता चला है कि हमारे दिमाग के कुछ न्यूरॉन्स सिर्फ गणित करते हुए ही काम करते हैं. प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को शायद पहले से पता होता है कि तीन सेब में दो और सेब जोड़ें तो पांच सेब हो जायेंगे. 

लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान हमारे दिमाग में क्या हलचल हुई, इस बारे में अभी तक नहीं पता था. लेकिन अब बॉन और ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय के वर्तमान अध्ययन ने इस मुद्दे पर रोशनी डाली है. 

मिर्गी से पीड़ित लोगों पर हुआ शोध: 

यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल बॉन में एपिलेप्टोलॉजी विभाग मिर्गी से पीड़ित लोगों के दिमाग पर सर्जरी का विशेषज्ञ है. उनका कहना है कि कुछ मरीजों को दौरे हमेशा मस्तिष्क की एक ही जगह से उत्पन्न होते हैं. इस जगह का पता लगाने के लिए डॉक्टर उनके दिमाग में इलेक्ट्रोड लगाते हैं. 

जिससे पता चल सकते कि मस्तिष्क के किस हिस्से दौरे बनते हैं. इसके अलावा, अलग-अलग न्यूरॉन्स की गतिविधि को तारों के माध्यम से मापा जा सकता है. 

हाल ही में हुए अध्ययन में पांच महिलाओं और चार पुरुषों ने भाग लिया था. नर्व सेल की गतिविधि को रिकॉर्ड करने के लिए उनके मस्तिष्क के टेम्पोरल लोब में इलेक्ट्रोड लगाए गए थे. इस बीच, प्रतिभागियों को सरल गणित के काम करने थे. 

जमा-घटा करने के दौरान एक्टिव होते है अलग-अलग न्यूरॉन: 

रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जमा करने और घटाने के दौरान अलग-अलग न्यूरॉन एक्टिव होते हैं. उनका कहना है कि ऐसा नहीं था कि कुछ न्यूरॉन्स ने केवल "+" चिन्ह पर प्रतिक्रिया दी और अन्य ने केवल "-" चिन्ह पर प्रतिक्रिया दी: 

इन चिन्हों को बदलकर उन्होंने जब शब्द भी लिखे जैसे 5 प्लस 3 या 7 लेस 4 तब भी वही अलग-अलग न्यूरॉन्स ने प्रतिक्रिया दी. इससे पता चला कि स्पेशल सेल मैथ्स के कॉन्सेप्ट को एनकोड करती हैं.

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