रॉकेट साइंटिस्ट और ब्रेन सर्जन में भी होता है आम लोगों जितना ही दिमाग, रिसर्च में खुलासा

टीम ने अपनी इस रिसर्च में 329 एयरोस्पेस इंजीनियरों, 72 न्यूरोसर्जन और सामान्य आबादी के 18,257 सदस्यों के दिमाग की तुलना की. प्रतिभागियों ने इसमें एक ऑनलाइन टेस्ट में भाग लिया था, जिसके जरिये उन्हें रीजनिंग, वर्किंग मेमोरी, अटेंशन और इमोशन प्रोसेसिंग के अलग-अलग पैमानों पर मापा गया है.

Human Brain (फोटो: प्रतीकात्मक तस्वीर)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:08 PM IST
  • रॉकेट साइंटिस्ट और ब्रेन सर्जन में आम लोगों जैसा ही दिमाग
  • 18,658 लोगों को किया गया शामिल

‘ये रॉकेट साइंस नहीं है’ या ये ‘ब्रेन सर्जरी नहीं है’.... हम अक्सर लोगों को ये कहते हुए सुनते हैं. किसी मुश्किल काम का पैमाना मापने के लिए हम ऐसे वाक्यों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च में पाया गया है कि ‘रॉकेट साइंस’ और ‘ब्रेन सर्जरी’ इतनी भी मुश्किल नहीं है जितना उन्हें माना जाता है. इस रिसर्च में पाया गया है कि रॉकेट साइंटिस्ट (Rocket Scientist) और ब्रेन सर्जन (Brain surgeon) का दिमाग एकदम जनरल पब्लिक जैसा ही होता है.     

रॉकेट साइंटिस्ट और ब्रेन सर्जन में आम लोगों जैसा ही दिमाग 

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के शोधकर्ताओं  ने रॉकेट साइंटिस्ट और ब्रेन सर्जन की बुद्धिमत्ता की तुलना आम लोगों से की है. उनकी रिसर्च में पाया गया कि एयरोस्पेस इंजीनियरों और न्यूरोसर्जन के पास भी सामान्य आबादी के जैसे ही स्तर का दिमाग होता है. मेडिकल जर्नल बीएमजे में पब्लिश इस रिसर्च में लिखा गया है कि यह संभव है कि न्यूरोसर्जन और एयरोस्पेस इंजीनियरों दोनों को अनावश्यक रूप से ज्यादा तवज्जो दी गयी है.

18,658 लोगों को किया गया शामिल  

टीम ने अपनी इस रिसर्च में 329 एयरोस्पेस इंजीनियरों, 72 न्यूरोसर्जन और सामान्य आबादी के 18,257 सदस्यों के दिमाग की तुलना की. प्रतिभागियों ने इसमें एक ऑनलाइन टेस्ट में भाग लिया था, जिसके जरिये उन्हें रीजनिंग, वर्किंग मेमोरी, अटेंशन और इमोशन प्रोसेसिंग के अलग-अलग पैमानों पर मापा गया है. इसके साथ अन्य कारक जो बुद्धि को प्रभावित कर सकते हैं, उन्हें भी इसमें शामिल किया गया है, जैसे लिंग, निपुणता और अनुभव आदि.

'रॉकेट साइंस' और 'ब्रेन सर्जरी' स्टीरियोटाइप तोड़ने की जरूरत 

इसके परिणामों से पता चला कि एयरोस्पेस इंजीनियर और न्यूरोसर्जन ज्यादातर पहलुओं में आम लोगों के सामान ही हैं. हालांकि एयरोस्पेस इंजीनियर मेन्टल मेनुपुलेशन एबिलिटी में बेहतर पाए गए थे, और न्यूरोसर्जन शब्दार्थ समस्याओं समाधान निकालने में बेहतर पाए गए थे. इसपर रिसर्च में शामिल एक शोधकर्ता कहते हैं, “कुल मिलाकर, ये रिजल्ट बताते हैं कि 'इट्स नॉट रॉकेट साइंस' और 'इट्स नॉट ब्रेन सर्जरी' स्टीरियोटाइप सच नहीं हैं.” 

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