बैड लक से होता है कैंसर, अमेरिका के Johns Hopkins Kimmel Cancer Center के वैज्ञानिकों का दावा

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स किमेल कैंसर सेंटर (Johns Hopkins Kimmel Cancer Center) के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पता लगाया है कि कैंसर के ज्याादातर मामले गलत आदतों और जीन्स की वजर से नहीं, बल्कि बैड लक की वजह से होते हैं. ये रिसर्च साल 2015 में साइंस मैगजीन में छपी थी. इसके मुताबिक 2 तिहाई प्रकार के कैंसर बैड लक की वजह से होते हैं.

Scientist in Lab (Photo/Meta AI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं. लेकिन इसके ज्यादातर मामले बैड लक की वजह से होते हैं. ये दावा अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स किमेल कैंसर सेंटर के वैज्ञानिकों का है. वैज्ञानिकों का मानना है कि कैंसर के दो-तिहाई मामलों के लिए बैड लड जिम्मेदार है. इस दावे के मुताबिक कैंसर धूम्रपान जैसी बुरी आदतों की वजह से ही नहीं, बल्कि किस्मत खराब होने से भी हो सकता है.

बैड लक से कैसे होता है कैंसर-
वैज्ञानिकों ने एक स्टैटिस्टिकल मॉडल का इस्तेमाल करके ये निष्कर्ष निकाला है, जो कई टिशूज टाइप्स में कैंसर की आशंकाओं को मापता है. वैज्ञानिकों ने पाया कि वयस्कों में ज्यादातर कैंसर रैंडम म्यूटेशन के कारण होता है, जो स्टेम सेल्स के विभाजन के दौरान होता है.

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (Johns Hopkins University School of Medicine) के प्रोफेसर बर्ट वोगेलस्टीन (Bert Vogelstein) के कहा कि सभी तरह के कैंसर एनवायरमेंटल फैक्टर, बैड लक और हेरिडिटी के कॉम्बिनेशन से होता है और हमने एक मॉडल बनाया है, जो यह तय करने में मदद कर सकता है कि इन तीनों कारकों में से किसका कैंसर के विकास में कितना योगदान है. प्रोफेसर ने चेतावनी दी है कि खराब लाइफस्टाइल कैंसर के विकास में बैड लक फैक्टर को बढ़ा सकती है.

वोगेलस्टीन का कहना है कि यह रिसर्च दिखाता है कि धूम्रपान या अन्य खराब जीवनशैली के कारण कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है.

लाइफस्टाइल बदलने से कैंसर रोकने में मिल सकती है मदद-
यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन और ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में असिस्टेंट प्रोफेसर क्रिस्टियन टोमोसेटी ने कहा कि अगर टिशूज में कैंसर की दो तिहाई घटनाओं की वजह स्टेम सेल के डिविजन के दौरान होने वाले रैंडम डीएनए म्यूटेशंस है तो हमारी लाइफस्टाल और आदतों को बदलना कुछ कैंसर को रोकने में मददगार होगा. लेकिन ये दूसरे कई कैंसर के लिए उतना प्रभावी नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे कैंसर के शुरुआती इलाज के तरीके खोजने पर अधिक फोकस करना चाहिए.

60 फीसदी कैंसर स्टेम सेल के डिविजन से प्रभावित-
वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च का तुलनात्मक अध्ययन किया कि स्टेम सेल्स पूरी लाइफ में 31 टिशूज में बंटता है और कैसे उन टिशूज से कैंसर का खतरा पैदा होता है. स्टडी में पाया गया कि 60 फीसदी कैंसर स्टेम सेल्स के डिविजन और म्यूटेशन से प्रभावित होने के कारण होते हैं. इन प्रोसेस को ही वैज्ञानिकों ने बैड लक कहा है. इसके कारण 22 तरह के कैंसर होते हैं. जबकि एनवायरमेंटल फैक्टर या अनियमित लाइफस्टाइल की वजह से बाकी 9 तरह के कैंसर होते हैं.

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