हर साल देश और दुनिया में कैंसर से लाखों मौत होती हैं. डबल्यूएचओ के एक अनुमान के मुताबिक, 2020 में कैंसर से कुल 90 लाख मौतें हुईं. भारत में हर साल औसतन आठ लाख मरीजों की मौत कैंसर बीमारी की वजह से हो रही है. भारत में कैंसर से 10 में से सात की मौत हो जाती है. कैंसर अगर शुरुआती स्टेज में पकड़ में आ जाए, तो उसका इलाज संभव है. कई लोगों का सफल इलाज हुआ भी है. लेकिन भारत में ज्यादातर कैंसर के मामले तब पता चलते हैं जब आखिरी स्टेज में होते हैं. इसकी वजह से भारत में कैंसर की मृत्यु दर ज्यादा है.
वैज्ञानिकों ने बनाया कॉन्टैक्ट लेंस
कैंसर को लेकर चिकित्सा विज्ञान में निरंतर शोध हो रहे हैं. कई शानदार थेरेपीज चलन में हैं. अब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कॉन्टैक्ट लेंस विकसित किया है जो आंसू के जरिए कैंसर का पता लगाने में सक्षम है. कैलिफोर्निया में टेरासाकी इंस्टीट्यूट फॉर बायोमेडिकल इनोवेशन (TIBI) ने एक ऐसा लेंस बनाया है जोकि आंसू में मौजूद एक्सोसोम को पहचानकर कैंसर का पता लगा सकता है. लेंस को एंटीबॉडी से जुड़े माइक्रोकैम्बर्स के साथ डिजाइन किया गया है जो आंसू में पाए जाने वाले एक्सोसोम (vesicles) को पकड़ सकते हैं.
आंसू के जरिए लगेगा कैंसर का पता
इस लेंस का नाम antibody conjugated signaling microchamber contact lens (ACSM-CL) है. TIBI टीम ने ACSM-CL को आंसुओं के जरिए एक्सोसोम को पहचानने के लिए डिजाइन किया है. ऐसा इसलिए क्योंकि लार, खून या मूत्र की तुलना में आंसू सबसे अच्छे एक्सोसोम उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं. इस लेंस के माध्यम से शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को पहचानना संभव होगा.ये लेंस कैंसर का जल्दी पता लगाने की प्रक्रिया को आसान और तेज बना देंगे.
आंसू में मौजूद एक्सोसोम का अध्ययन कर इस लेंस के जरिए कैंसर का पता लगाना संभव होगा. अमेरिकी वैज्ञानिकों का यह शोध कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.