ब्लड कैंसर तीन प्रकार का माने गए हैं, जिसमें ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मल्टीपल मायलोमा शामिल हैं. इनमें से सबसे खतरनाक कैंसर ल्यूकेमिया (leukemia) को माना जाता है. ये ब्लड कैंसर बच्चों से लेकर बड़ों में हो सकता है. यूं तो आमतौर पर ये बीमारी 30 साल ज्यादा उम्र के लोगों में पाई जाती है, लेकिन एक आधा केस छोटे लोगों में भी आ जाता है. हड्डियों, मांसपेशियों में दर्द होना इसके शुरुआती लक्षण में से एक हैं. अब वैज्ञानिकों ने इसके उपचार के लिए एक तरकीब खोज निकाली है.
एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया (AML) पर हाल ही में ‘कैंसर डिस्कवरी जर्नल’ में एक स्टडी पब्लिश हुई है. इसके मुताबिक, अगर पड़ोसी हड्डी की सेल को टारगेट किया जाये तो इस कैंसर को रोका जा सकता है.
ल्यूकेमिया सबसे मुश्किल इलाज वाला कैंसर
एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया (एएमएल) सबसे मुश्किल इलाज वाले रक्त कैंसर में से एक है. इसे अगर दवाइयों से रोका भी जाता है तब भी ये फिर से, उससे भी खतरनाक तरीके से वापिस आ जाता है और मरीज को नुक्सान पहुंचाता है.
कैंसर शोधकर्ता स्टावरौला कौस्टेनी कहती हैं, “नई स्टेम सेल टारगेट करने के लिए अलग से दवाई बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. क्योंकि कैंसर बार-बार वापिस आ जाता है, यह खत्म नहीं होता.”
ल्यूकेमिया के संक्रमण को रोका जा सकता है
रिसर्च में पाया गया है कि बोन मेरो (bone marrow) की पड़ोसी सेल, ऑस्टियोब्लास्ट (osteoblasts), जो हड्डी बनाती है, अगर उसे टारगेट किया जाए तो ल्यूकेमिया की कैंसर सेल्स के लिए उस वातावरण में रहना मुश्किल किया जा सकता है, जिसकी मदद से कैंसर के संक्रमण को रोका जा सकता है.
क्या पाया गया रिसर्च में?
Kynurenine ऑस्टियोब्लास्ट पर एक सेरोटोनिन रिसेप्टर (HTR1B) बांधता है, जो ल्यूकेमिया सेल्स को रोकने में मदद करता है. ल्यूकेमिया सेल और ऑस्टियोब्लास्ट के बीच क्रॉसस्टॉक को तोड़ा जा सकता है.
कोस्टेनी कहती हैं कि कोई फर्क नहीं पड़ता कौन सी स्टेम सेल बीमारी पैदा कर रही हैं. उन सभी को बढ़ने के लिए ऑस्टियोब्लास्ट की जरूरत होती है. अगर हम इन दो प्रकार की सेल के कनेक्शन को तोड़ दें तो हम आसानी से इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं.