New Antibiotic: वैज्ञानिकों ने विकसित की नई एंटीबायोटिक, जो दवा के खिलाफ काम करने वाले बैक्टीरिया को करती है खत्म

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दवा के आने से उन मरीजों को फायदा होगा, जिनकी बॉडी पर दवाओं का असर होना बंद हो जाता है. हालांकि अभी अस्पतालों में इसके इस्तेमाल में काफी समय लगेगा. ये एंटीबायोटिक दवा शरीर में दवाओं को बेअसर करने वाले खतरनाक क्रैब बैक्टारिया को खत्म कर देगा.

Scientists discovered New antibiotic
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST

वैज्ञानिकों ने एक नई एंटीबायोटिक दवा विकसित की है, जो दवाओं को बेअसर करने वाली बैक्टीरिया को खत्म करता है. इसका मतलब है कि शरीर में जिस बैक्टीरिया पर दवाएं बेअसर होती है, उसे ये एंटीबायोटिक मार देती है. यह एंटीबायोटिक पूरी तरह से नई श्रेणी की दवा है, जो ड्रग रेसिस्टेंट की वजह से इंसानों की सेहत के लिए सबसे बड़ा खतरा माने जाने वाले तीन बैक्टीरिया में से एक को खत्म कर देती है. इस एंटीबायोटिक को जोसुराबलपिन नाम दिया गया है, जो बैक्टीरिया एसिनेटोबैक्टर बाउमानी (क्रैब) को मारने में सक्षम है.

WHO ने क्रैब को खतरनाक बैक्टीरिया माना-
क्रैब साल 2017 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की एंटीबायोटिक-रेसिस्टेंट प्रायोरिटी पैथोजन की लिस्ट में टॉप पर था. इसके साथ ही दो बैक्टीरिया स्यूडोमोनास एरुगिनोसा और एंटरोबैक्टीरियासी को भी इसमें रखा गया था. सीडीसी के डेटा के मुताबिक अमेरिका में उस साल 8500 संक्रमण के मामले अस्पताल में आए थे, जिसमें से 700 मरीजों की मौत हुई थी.

इंपीरियल कॉलेज लंदन में Molecular Microbiology के विशेषज्ञ डॉ एंड्रयू एडवर्ड्स ने बताया है कि अस्पतालों में संक्रमण का एक महत्वपूर्ण कारण क्रैब है. इसका खतरा सबसे ज्यादा वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों को होता है. हालाकि यह एक आक्रामक रोगजनक नहीं है, लेकिन यह कई अलग-अलग एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी है, जिससे इसका इलाज करना बहुत मुश्किल हो जाता है.

एंटीबायोटिक बनाने वाले डॉक्टर ने क्या कहा-
नई दवा की खोज करने वाले डॉक्टर माइकल लोब्रिट्ज का कहना है कि इस बैक्टीरिया के खिलाफ किसी भी दवा का असर होना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है, क्योंकि यह एंटीबायोटिक दवाओं को अपनी बाहरी कोशिका परत से आगे बढ़ने से रोक देता है. इसलिए ये नई खोज भरोसा दिलाती कि नए एंटीबायोटिक्स खोजने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे एप्रोच नतीजे दे सकते हैं. एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी संक्रमण मानव स्वास्थ्य के लिए एक तत्काल खतरा पैदा करते हैं, विशेष रूप से वे जो ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया के रूप में जाने जाने वाले बैक्टीरिया के एक बड़े समूह के कारण होते हैं और एलपीएस नाम के पदार्थ से संरक्षित होते हैं. आपको बता दें कि बीते 50 सालों में ग्राम-नोगेटिव बैक्टीरिया के लिए किसी भी नए एंटीबायोटिक को मंजूरी नहीं दी गई है.

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डैनियल और उनके सहयोगियों ने दिखाया है कि ये दवा एलपीएस को बैक्टीरिया की बाहरी झिल्ली तक ले जाने से रोकती है, जिससे वह मर जाता है. उन्होंने यह भी पाया कि जोसुराबलपिन ने क्रैब-प्रेरित निमोनिया वाले चूहों में बैक्टीरिया के स्तर को काफी कम कर दिया और क्रैब-संबंधी सेप्सिस वाले चूहों की मृत्यु को रोक दिया. दवा की खोज करने वाले वैज्ञानिक लोब्रिट्ज ने बताया कि ऐसा पहली हुआ है कि हमें कोई ऐसी चीज मिली है, जो इस तरह से संचालित होती है, हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अणु अकेले रोगाणुरोधी प्रतिरोधी संक्रमणों के सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे को हल नहीं करेगा.

ये भी पढ़ें:

Read more!

RECOMMENDED