वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन बनाई है जिससे ह्यूमन स्किन बनाई जा सकती है. दरअसल, बायोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन के लिए ह्यूमन टिश्यू सैंपल लेना काफी मुश्किल हो जाता है. ये या तो ऑर्गन डोनेशन से मुमकिन हो पाता है या फिर सर्जिकल प्रोसीजर के दौरान टिश्यू लिया जा सकता है. जिसमें काफी परेशानी हो सकती है. लेकिन इस नई मशीन से ह्यूमन स्किन बनाई जा सकती है.
इसके लिए बनाई गई है बायोप्रिंटिंग मशीन
वैज्ञानिकों ने आसानी से ह्यूमन टिश्यू लिया जा सके इसके लिए प्रिंटर बनाया गया है. इसके लिए 3डी बायोप्रिंटिंग का सहारा लिया जाता है. इसमें "बायो-इंक" लोड करना शामिल है, जिसमें लिविंग सेल एक एक कार्ट्रिज में डाली जाती हैं. ये प्रोसेस ठीक नॉर्मल प्रिंटर जैसा ही होता है. इसके बाद इसे बायोप्रिंटर में लोड किया जाता है. एक बार प्रोग्राम करने के बाद, बायोप्रिंटर 3डी स्ट्रक्चर को बनाने के लिए सेल-लादेन बायो-इंक को प्रिंट करता है जिसका उद्देश्य काम्प्लेक्स बायोलॉजिकल टिश्यू बनाना होता है. प्लेटों पर उगाए जाने वाले दो-डायमेंशन वाले सेल के बजाय बायोप्रिंटर से वैज्ञानिक तीन-डायमेंशनल वाली सेल बना पाते हैं.
कैसे करता है ये काम?
दरअसल , लेगो न केवल बेहद सस्ता है, बल्कि विश्व स्तर पर सुलभ भी है. ये आसानी से आपको मिल सकता है. हालांकि, पारंपरिक 3डी प्रिंटर बनाने के लिए लेगो का इस्तेमाल पहले ही किया जा चुका है. इसके प्रोसेस की बात करें, तो एक नोजल डिश पर एक जेल जैसा पदार्थ निकालता है, जो सेल से भरा होता है.
डिवाइस के सेंटर में एक मिनी लेगो माइंडस्टॉर्म कंप्यूटर होता है. यह उपकरण डिश को पीछे और आगे और साइड में ले जाता है. साथ ही नोजल को ऊपर और नीचे घुमाता है. ये प्रोग्रामेबल मूवमेंट ह्यूमन टिश्यू के 3डी स्ट्रक्चर को परत दर परत दोहराने के लिए सेल की लेयर्स बनाता है. इसकी सबसे अच्छी बात है कि ये सेल पूरी तरह से स्वस्थ होती हैं, जिसकी मदद स्किन से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए ली जा सकती है.