दुनिया भर में कई सारे मरीज स्किन कैंसर से जूझ रहे हैं. लेकिन 10 हजार से ज्यादा मरीज तेजी से कैंसर से ठीक हो सकते हैं. ये मुमकिन है स्मार्टफोन कैमरा लैंस की मदद से. 50 पिक्सल लेंस वाले स्मार्टफोन से मोल्स और स्किन की डिटेल इमेज ली जा सकती है. ये प्रोसेस एक तरह से टेलीडर्मेटोलॉजी के अंदर आता है. इस फील्ड में, ऑडियो, विजुअल और डेटा संचार के माध्यम से अलग-अलग दूरियों पर मेडिकल इन्फॉर्मेशन को ट्रांसफर करने के लिए दूरसंचार तकनीकों का उपयोग किया जाता है.
पिछले साल 56 हजार लोगों का ट्रीटमेंट किया गया
पिछले साल, 6 लाख से ज्यादा लोग स्किन कैंसर की चेकिंग के लिए आए थे, जिसमें से 56,000 लोगों का ट्रीटमेंट किया गया था. न्यूज स्काई वेबसाइट के मुताबिक, ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस के अधिकारियों ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी की मदद से 10,000 गैरजरूरी अपॉइंटमेंट को टेस्टिंग फेज में जाने की भी जरूरत नहीं पड़ी. उन्हें फेस-टू-फेस अपॉइंटमेंट से पहले ही हटा दिया गया. इस टेक्नोलॉजी की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में रोगियों की तेजी से देखा जा सकता है.
क्या हैं स्किन कैंसर के लक्षण
एनएचएस के अनुसार, स्किन कैंसर का ट्रीटमेंट नॉन-मेलेनोमा और मेलेनोमा के रूप में किया जा सकता है. गैर-मेलेनोमा का पहला लक्षण आमतौर पर स्किन की एक गांठ या फीका पड़ा हुआ पैच दिखाई देता है जो धीरे-धीरे बढ़ता है. ज्यादातर मामलों में, ये कैंसरयुक्त गांठ लाल और कठोर होती हैं और कभी-कभी अल्सर में बदल जाती हैं. मेलेनोमा के मुख्य लक्षणों में से एक नया तिल या मौजूदा तिल में परिवर्तन है. असमान आकार वाले तिल, रंगों का मिश्रण, समय के साथ आकार बदलना या बहुत बड़े तिल मेलानोमा हो सकते हैं. इसलिए ऐसे में आपको अपने शरीर में हो रहे छोटे बदलावों को भी देखते रहने की जरूरत है.
क्या हैं स्किन कैंसर होने का कारण
दरअसल, स्किन कैंसर तब होता है जब आपकी स्किन के डीएनए में म्यूटेशन होने लगता है. इस म्यूटेशन की वजह से आपकी स्किन सेल्स बिना किसी कंट्रोल के बढ़ने लगती हैं. हालांकि, स्किन कैंसर का सटीक कारण कोई नहीं जानता है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन से मुताबिक, यूवी लाइट एक बहुत बड़ा कारण है स्किन कैंसर के होने का. आप यूवी लाइट में कई तरह से एक्सपोज हो सकते हैं. जैसे सूरज, टैनिंग बैड्स और सन लैंप्स आदि. यूवी किरणें स्किन सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं.