नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के अनुसार, 14 जूलाई को सूरज से एक बड़ी ज्वाला निकली और आज यह पृथ्वी से टकरा सकती है. अमेरिका स्थित वैज्ञानिक और नियामक एजेंसी ने चेतावनी दी है कि यह सौर ज्वाला (सोलर फ्लेयर) धरती पर एक शक्तिशाली सौर तूफान (Solar Strom) और फिर ब्लैकआउट का कारण बन सकती है.
जिस कारण दुनिया के कई हिस्सों में जीपीएस नैविगेशन, हवाई यातायात आदि ठप हो सकता है. डॉ तमिथा स्कोव, अंतरिक्ष मौसम भौतिक विज्ञानी ने भी इस बारे में अपने ट्विटर के माध्यम से चेतावनी दी है.
क्या हैं सोलर फ्लेयर्स?
सौर ज्वालाएं या सोलर फ्लेयर्स, सनस्पॉट से जुड़ी चुंबकीय ऊर्जा के रिलीज होने से आने वाले विकिरण का एक तीव्र विस्फोट है. ये सोलर फ्लेयर्स सौर मंडल की सबसे बड़ी विस्फोटक घटनाएं हैं. इन विस्फोटों की ताकत अलग-अलग होती है, और इसलिए उन्हें ए, बी, सी, एम और एक्स श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है, जिसमें ए सबसे कम शक्तिशाली होता है और एक्स सबसे शक्तिशाली होता है.
पृथ्वी को कैसे प्रभावित कर सकती हैं सोलर फ्लेयर्स
सूर्य से निकलने वाली सोलर फ्लेयर्स कभी भी पृथ्वी से टकरा सकती हैं और ये इतनी मजबूत हैं कि ग्रह के ध्रुवों और अन्य संभावित क्षेत्रों में ब्लैकआउट का कारण बन सकती हैं. हालांकि सौर तूफान से गंभीर विनाश की आशंका नहीं है, यह संभावित रूप से दुनिया के कुछ हिस्सों में उत्तरी रोशनी का कारण बन सकता है.
इसके कारण जीपीएस नेविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटेलाइट सिग्नल भी बाधित हो सकते हैं. रेडियो संचार प्रभावित हो सकता है, जिससे कुछ स्थानों पर ब्लैकआउट हो सकता है, और जहाज और हवाई यात्रियों को परेशानी आ सकती है.