Artificial Sun: कोरिया के आर्टिफिशियल सूरज ने पैदा की सूर्य के तापमान से 7 गुना ज्यादा गर्मी, जानें वैज्ञानिकों ने कैसे किया इसे मुमकिन

सूर्य जैसे तारों को भी न्यूक्लियर फ्यूजन से ही ऊर्जा और रोशनी मिलती है. KSTAR सूर्य पर होने वाले फ्यूजन रिएक्शन की तर्ज पर उष्ण ऊर्जा पैदा करता है. इसके लिए अत्यधिक गर्मी और दबाव की जरूरत पड़ती है.

Sun/Image:Nasa)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 6:55 PM IST
  • क्या है न्यूक्लियर फ्यूजन
  • फ्यूजन रिएक्टर के क्या हैं फायदे

न्यूक्लियर फ्यूजन टेक्नोलॉजी में दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों को बड़ी उपलब्धि मिली है. दक्षिण कोरिया के आर्टिफिशियल सूरज (KSTAR) कहे जाने वाले न्यूक्लियर रिएक्टर ने 48 सेकेंड तक 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा कर रिकॉर्ड बनाया है. ये तापमान सूर्य के कोर के तापमान से 7 गुना अधिक है. ये एक्सपेरिमेंट दिसंबर 2023 और फरवरी 2024 के बीच किया गया था.

सूर्य जैसे तारों को भी न्यूक्लियर फ्यूजन से ही ऊर्जा और रोशनी मिलती है. KSTAR सूर्य पर होने वाले फ्यूजन रिएक्शन की तर्ज पर उष्ण ऊर्जा पैदा करता है. इसके लिए अत्यधिक गर्मी और दबाव की जरूरत पड़ती है. न्यूक्लियर फ्यूजन कार्बन प्रदूषण के बिना ही असीमित ऊर्जा प्रदान कर सकता है. जो इसे जलवायु परिवर्तन से निपटने में अनूकूल बनाती है. हालांकि सीएनएन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि धरती पर इस तरह की प्रक्रिया को दोहराने की अपनी चुनौतियां हो सकती हैं.

पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ा
तीन महीने के अभियान के दौरान KSTAR ने उच्च तापमान और ऑपरेशन में पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया. इस ऑपरेशन को करने के लिए आर्टिफिशियल सूरज के कई डिवाइस को बदलना पड़ा. जिसके बाद इसने 48 सेकेंड तक 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा की. दिसंबर 2016 में KSTAR ने 70  सेकेंड तक 5 करोड़ डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा की थी. वहीं 2020 में इसने 20 सेकेंड तक 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा की थी.

KSTAR /Image:AFP)

क्या है न्यूक्लियर फ्यूजन और ये इंसानों के लिए फायदेमंद क्यों है?

न्यूक्लियर फ्यूजन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो हल्के Nuclei  एक साथ मिलकर एक भारी Nuclei  बनाते हैं और ऊर्जा छोड़ते हैं. 

सूरज न्यूक्लियर फ्यूजन की मदद से रोशनी और ऊर्जा पैदा करता है. जब हाइड्रोजन जैसे हल्के परमाणु (Atoms) मिलकर एक भारी परमाणु (हीलियम) बनाते हैं, तो भारी मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश ऊर्जा उत्पन्न होती है. इसे फ्यूजन एनर्जी के रूप में जाना जाता है.

जब ड्यूटेरियम और ट्रिटियम एक साथ Fuse करते हैं तो हीलियम परमाणु पैदा होता है, और एक न्यूट्रॉन निकलता है. हीलियम परमाणु की ऊर्जा 3.52 मेगा इलेक्ट्रॉन वोल्ट है, और न्यूट्रॉन की ऊर्जा 14.06 मेगा इलेक्ट्रॉन वोल्ट है. चूकि द्रव्यमान (Mass) को ऊर्जा (Energy) में परिवर्तित किया जा सकता है इसलिए इस प्रतिक्रिया से उत्पन्न कुल फ्यूजन एनर्जी 17.58 मेगा इलेक्ट्रॉन वोल्ट होगी.

फ्यूजन रिएक्टर के क्या हैं फायदे

Nuclear fusion भविष्य में ऊर्जा के स्वच्छ स्रोत के रूप में काम कर सकता है. इससे लंबे समय तक रहने वाले न्यूक्लियर वेस्ट का उत्पादन नहीं होता. दक्षिण कोरिया के अलावा चीन के पास भी आर्टिफिशियल सूर्य है. इसे experimental advanced superconducting tokamak (EAST) के नाम से जाना जाता है. अप्रैल 2023 में इसने न्यूक्लियर फ्यूजन का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा था.

 

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