Strawberry Moon 2022: कब और क्यों नजर आता है स्ट्रॉबेरी मून, जानें साल में 12 बार दिखने वाले फुल मून के नाम

Strawberry Moon: 2022 का पहला स्ट्रॉबेरी सुपरमून 14 जून को दिखाई देगा. इस दौरान, चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होगा. पूर्णिमा के दिन जब चन्द्रमा की अंडाकार कक्षा में पृथ्वी के निकटतम दृष्टिकोण के साथ मेल खाती है तब सुपरमून होता है.

Strawberry Moon
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST
  • कब बनती है सुपरमून की स्थिति
  • कब देख सकेंगे स्ट्रॉबेरी मून

आसमान में आज एक खगोलीय घटना होने वाली है. आज चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होगा, इस वजह से सुपरमून की स्थिति बनेगी. 14 जून की शाम सूर्यास्त के बाद यह दक्षिण पूर्व की तरफ क्षितिज से धीरे-धीरे ऊपर जाएगा. इसलिए आज के दिन चांद ज्यादा बड़ा और सुनहरा दिखाई देगा. यह शाम 5.21 बजे अपने चरम पर होगा. इस दौरान चांद और पृथ्वी की दूरी 357,435 किमी होगी, जो कि इस साल की सबसे कम दूरी है. इसके बाद चांद पृथ्वी से दूर होना शुरू हो जाएगा.

कब बनती है सुपरमून की स्थिति

सुपरमून की स्थिति तब बनती है जब चांद धरती से 3,60,000 किलोमीटर या उससे कम की दूरी पर हो. इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है. इसलिए वह ज्यादा बड़ा 14 फीसदी अधिक चमकीला दिखाई देता है. 

क्यों कहा जाता है स्ट्रॉबेरी मून?

उत्तरी अमेरिका में इसी दौरान स्ट्रॉबेरी की फसल पकने लगती है, इसलिए इसे स्ट्रॉबेरी सुपरमून नाम दिया गया है. जून के फुल मून को कई नामों से जाना जाता है लेकिन सबसे लोकप्रिय नाम है स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon). यूरोप में इसे रोज मून भी कहा जाता है. इसके अलावा स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon) को हनी मून, हॉट मून के नाम से भी जाना जाता है. 

कब देख सकेंगे स्ट्रॉबेरी मून

स्ट्रॉबेरी मून आज रात, मंगलवार 14 जून 2022 को यूके समेत दुनिया भर के देशों में दिखाई देगा. दुनियाभर के कई देशों में 13 जून को इसकी झलक भी देखने को मिली. जब दिन के उजाले में चंद्रमा दिखाई दे रहा था. 18 जून को चंद्रमा शनि से होकर गुजरेगा. भारत में शाम 5.21 मिनट पर लोग बिना टेलीस्कोप या उपकरण की मदद के अपनी आंखों से सीधे इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देख सकेंगे. चंद्रमा 10:02 बजे दक्षिण-पूर्व में उदय होगा और 15 जून 2022 को अपने निकटतम बिंदु पेरिगी पर 00:23 बजे BST पर पहुंच जाएगा.

Strawberry Moon

साल में 12 बार फुल मून दिखाई देता है जिसे अलग अलग नामों से जाना जाता है. 

वुल्फ मून- जनवरी के फुल मून को वुल्फ मून इसलिए नाम दिया गया है क्योंकि सर्दियों की ठंड और बर्फ के बीच भेड़ियों के झुंड की आवाजें सुनाई देती हैं.
 
स्नो मून - साल के दूसरे फुल मून को स्नो मून नाम दिया गया है  क्योंकि दुनिया के कई देशों में फरवरी का फुल मून तब आता है, जब भारी बर्फबारी हो रही होती है.

वॉर्म मून- बंसत ऋतु में दिखने वाले फुल सुपरमून को साइंटिस्ट और लोग वॉर्म मून कहते हैं क्योंकि इस महीने में रेंगने वाले कीड़े यानी कि वॉर्म धरती की सतह पर आ जाते हैं.

पिंक मून- अप्रैल के फुल मून को पिंक मून कहा जाता है क्योंकि इस महीने में जंगलों में पेड़ गुलाबी रंग के फूलों से भर जाते हैं.

फ्लावर मून- मई के फुल मून को फ्लॉवर मून कहा जाता है क्योंकि इस महीने महीने चारों ओर फूलों खिले रहते हैं.

स्ट्रॉबेरी मून- जून के फुल मून को स्ट्रॉबेरी मून कहा जाता है क्योंकि उत्‍तरी अमेरिका में जून के महीने में स्‍ट्रॉबेरी की फसल पक जाती है.

बक मून- बक मून जुलाई के फुल मून को बक मून कहा जाता है क्योंकि इस महीने में अमेरिका में हिरन के नए सींग आते हैं.

स्‍टरगन मून- अगस्त के महीने में दिखने वाले पूरे चांद को स्‍टरगन मून कहा जाता है क्योंकि अगस्‍त के महीने में उत्‍तरी अमेरिका में स्‍टरगन फिश बहुत पाई जाती है.

कॉर्न मून- सितंबर के महीने में दिखने वाले पूरे चांद को कॉर्न मून कहा जाता है, क्‍योंकि इस महीने में  मक्‍का की फसल लहलहाने लगती है.

हंटर्स मून- अक्टूबर के महीने में चांद की रोशनी काफी चमकीली होती है, जिससे शिकारियों को शिकार करने में आसानी होती है, इसलिए अक्टूबर के मून को हंटर्स मून कहा जाता है.

बेवर मून- नवंबर के फुल मून को बेवर मून कहा जाता है क्योंकि इस महीने में बीवर बिल से निकलकर शिकार करने लगते हैं.

कोल्ड मून- दिसंबर के महीने में दिखाई देने वाले फुल मून को कोल्ड मून इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस वक्त बहुत ज्यादा सर्दी होती है.

 

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