वैज्ञानिकों ने दावा: धरती के विपरीत चलती है एक दुनिया, यहां उल्टा घूमता है समय का पहिया

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दुनिया में समय उल्टा चलता है. उदाहरण के तौर पर इसको ऐसा समझा जा सकता है कि धरती पर हम जिस तरह से समय की गणना करते हैं, उस दुनिया में वक्त उससे बिलकुल उल्टा चलता होगा.

धरती के विपरीत चलती है एक दुनिया, यहां उल्टा घूमता है समय का पहिया
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST
  • इस दुनिया में नहीं काम करेंगे धरती के नियम
  • यहां उल्टा चलता है समय का पहिया

तकनीक के इस दौर में कई दशकों से धरती और ब्रह्मांड के बारे में खोज की जा रही है. वैज्ञानिक आए दिन धरती ब्रह्मांड में तरह-तरह से शोध करते रहते हैं. इसके बावजूद वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा बहुत कुछ है, जिसका पता लगा जाना अभी बाकी है. वैज्ञानिक आए दिन दूसरी दुनिया के होने का दावा करते हैं. लेकिन वैज्ञानिकों को अब धीरे-धीरे एक ऐसी दुनिया पर भी यकीन हो गया है, जो हमारी दुनिया से बिल्कुल उल्टी है.

इस दुनिया में नहीं काम करेंगे धरती के नियम
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक एनल्स ऑफ फिजिक्स जर्नल में इस सिद्धांत की विस्तार में व्याख्या की गई है. ये थ्योरी उस सामान्य भौतिकी कॉन्सेप्ट पर आधारित है जिसे सीपीटी (CPT) कहा जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये दुनिया हमारी धरती के आस-पास ही हो सकती है. रिसर्च के अनुसार ये दुनिया भौतिकी के नियमों में हिसाब से हमारी दुनिया से बिल्कुल उल्टी होगी. 

यहां उल्टा चलता है समय का पहिया
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दुनिया में समय उल्टा चलता है. उदाहरण के तौर पर इसको ऐसा समझा जा सकता है कि धरती पर हम जिस तरह से समय की गणना करते हैं, उस दुनिया में वक्त उससे बिलकुल उल्टा चलता होगा. इस रहस्यमयी समांतर दुनिया को लेकर और भी ज्यादा रिसर्च कर रहे हैं. दरअसल वैज्ञानिकों को भी एंटी यूनिवर्स की थ्योरी पर यकीन है. वैज्ञानिक दूसरी दुनिया को होने की संभावना से इनकार नहीं करते हैं. 

क्या है ये उल्टी दुनिया?
दरअसल वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि एंटी यूनिवर्स की थ्योरी फंडामेंटल सीमेट्रीज पर निर्भर करती है. इस थ्योरी पर काम करते हुए डार्क मैटर्स की भी व्याख्या की जा सकती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दुनिया में न्यूट्रॉन दायीं तरफ से घूमते होंगे. इस बात को साबित करने के लिए वैज्ञानिक  मास न्यूट्रॉन्स की टेस्टिंग कर रहे हैं. अगर वो इस प्रोजेक्ट में सफल रहे तो इस दुनिया के अस्तित्व साबित हो जाएगा.


 

 

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