टाइम मशीन की तरह है हमारा दिमाग, सोशल मीडिया की तरह फीड को करता है अपडेट: स्टडी

मस्तिष्क को लेकर एक स्टडी की गई है और यह 'साइंस एडवांसेज जर्नल' में प्रकाशित हुआ है. इसमें यह शोध किया गया है कि बढ़ते शरीर के दौरान हमारा दिमाग किस तरह से दृश्यों को स्टोर करता है. इसके पीछे पूरे मैकेनिज्म को लेकर स्टडी की गई है.

मस्तिष्क को लेकर एक नई स्टडी की गई है
gnttv.com
  • कैलिफॉर्निया,
  • 24 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:48 AM IST
  • दिमाग के मैकेनिज्म को लेकर की गई स्टडी
  • दिमाग रियल टाइम अपडेट होता तो भ्रम में रहते सभी लोग

एक नए अध्ययन में पता चला है कि सोशल मीडिया फीड की तरफ ही हमारे मस्तिष्क या दिमाग को अपडेट करने की जरूरत होती है. हमारा दिमाग दृश्यों, चित्रों, आवाजों या इस तरह की चीजों को लगातार अपलोड कर रहा होता है. वर्तमान समय में हम कोई लेटेस्ट तस्वीर देखने की बजाय पुरानी तस्वीरों को याद करते हैं. इसके पीछे वजह ये है कि हमारा दिमाग रिफ्रेश होने में करीब 15 सेकेंड का समय लेता है.

दिमाग के मैकेनिज्म को लेकर की गई स्टडी
मस्तिष्क को लेकर एक स्टडी की गई है और यह 'साइंस एडवांसेज जर्नल' में प्रकाशित हुआ है. इसमें यह शोध किया गया है कि बढ़ते शरीर के दौरान हमारा दिमाग किस तरह से दृश्यों को स्टोर करता है. इसके पीछे पूरे मैकेनिज्म को लेकर स्टडी की गई है.

दिमाग में रियल टाइम अपडेट होता तो भ्रम में रहते सभी लोग
स्टडी में यह सामने आया है कि हमारा दिमाग सभी चीजों को रियल टाइम अपडेट करता तो ये दुनिया घबराहट वाली जगह हो जाती. रियल टाइम का मतलब ये कि आप जो भी चीज देख रहे हैं वह उसी वक्त आपके मष्तिष्क में अपडेट हो जाए. अगर ऐसा संभव हो गया तो हर समय हम भ्रम की स्थिति में रहेंगे. हमारी बुद्धि भ्रमित होती रहेगी. मनोविज्ञान और दृष्टि विज्ञान के प्रोफेसर डेविड व्हिटनी ने यह जानकारी दी.

टाइम मशीन की तरह है हमारा दिमाग
स्टडी की लीड ऑथर मौरो मानसी ने बताया-"हमारा दिमाग एक टाइम मशीन की तरह है. जो हम देखते हैं वह हमें वापस भेजता रहता है. यह एक ऐप की तरह है जो हर 15 सेकेंड में विजुअल इनपुट एक जगह इकट्ठा करता रहता है ताकि हम अपनी रोजाना की जिंदगी को हैंडल कर सकें."

मस्तिष्क की जानकारी जुटाने के लिए मानसी और व्हिटनी ने एक मैकेनिज्म पर लंबी स्टडी की. इसमें उन चीजों को शामिल किया गया जिसमें हम समय के साथ होने वाले सूक्ष्म परिवर्तनों को नहीं देखते हैं. इसमें एक्टर्स और उनका स्टंट करने वाले या मूवी ब्लूपर्स के बीच के अंतर का अध्ययन किया गया.

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