नासा (NASA) के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 19 मार्च को धरती पर लौट सकते हैं. हालांकि, जब वे लौटकर आएंगे तो उनके लिए सबकुछ आसान नहीं होने वाला है. 9 महीने तक बिना गुरुत्वाकर्षण के जीना आसान नहीं है, इसका असर उनके पूरे शरीर पर दिखाई देने वाला है. इतना ही नहीं बल्कि कुछ समय के लिए वे अपने पैरों पर खड़े भी नहीं हो पाएंगे. उन्हें सीधा स्ट्रेचर पर लेटाकर मेडिकल जांच के लिए ले जाया जाएगा.
क्यों? क्योंकि कम गुरुत्वाकर्षण (Microgravity) में रहने से शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ते हैं- मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, हड्डियां सिकुड़ने लगती हैं और खून का प्रवाह तक प्रभावित होता है. नासा के मुताबिक, लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद इंसान का शरीर पूरी तरह से रिकवरी करने में 6 हफ्ते तक का समय ले सकता है!
9 महीने तक फंसे रहे अंतरिक्ष में
दरअसल, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को 8 दिन बाद धरती पर लौटना था, लेकिन तकनीकी खराबियों की वजह से उनकी वापसी में देरी हो गई. अब जब वे लौटेंगे, तो उनके शरीर को फिर से धरती के गुरुत्वाकर्षण के साथ तालमेल बिठाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. जमीन पर उतरते ही वे चल नहीं पाएंगे! उन्हें स्ट्रेचर पर मेडिकल टीम के पास ले जाया जाएगा. पहले ही दिन से उनके लिए एक सख्त रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम शुरू किया जाएगा.
नासा के डॉक्टरों के मुताबिक, कम गुरुत्वाकर्षण में रहने से इंसानी शरीर में 20% तक मांसपेशियों का नुकसान हो सकता है और हड्डियां हर महीने 1-1.5% घनत्व (Density) खो देती हैं. यानी 9 महीने बाद जब वे लौटेंगे, तो उनकी हालत एक कमजोर बुजुर्ग इंसान जैसी होगी, जिसे दोबारा ताकतवर बनने में हफ्तों लगेंगे.
कौन-कौन से बदलाव आएंगे शरीर में?
अब कैसा होगा उनकी रिकवरी का सफर?
नासा के मुताबिक, अंतरिक्ष यात्रियों को तीन फेज में रिकवरी करवाई जाती है. धरती पर लैंडिंग के तुरंत बाद. दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को स्ट्रेचर पर बाहर निकाला जाएगा. सबसे पहले उनके ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट किए जाएंगे. शरीर की फ्लूड शिफ्ट (खून और फ्लूइड का मूवमेंट) को बैलेंस करने के लिए दवाएं दी जाएंगी.
फेज 1: धरती पर लौटते ही क्या होगा? (पहले 7 दिन)
फेज 2: मांसपेशियों को फिर से मजबूत बनाना (2-3 हफ्ते)
फेज 3: नॉर्मल लाइफ में लौटना (5-6 हफ्ते)
क्या सुनीता और विलमोर पूरी तरह से रिकवर हो पाएंगे?
नासा के रिसर्च के मुताबिक, 45 दिनों की ट्रेनिंग के बाद अधिकतर अंतरिक्ष यात्री फिर से सामान्य फिटनेस हासिल कर लेते हैं. लेकिन हड्डियों की पूरी रिकवरी में सालों लग सकते हैं, और कई बार यह पहले जैसी नहीं हो पाती. रेडिएशन के कारण कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, जिसके लिए लंबी अवधि की स्क्रीनिंग जरूरी होगी. मानसिक तनाव और डिप्रेशन से उबरने में महीनों या सालों तक लग सकते हैं.