Blue Moon 2024: क्या होता है ब्लू मून, आज रात 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला दिखेगा नीला चांद, जानें कैसे देख सकेंगे ये दुर्लभ खगोलीय घटना

Blue Supermoon: चांद और पृथ्वी जब एक-दूसरे के सबसे नजदीक आ जाते हैं तो इसे सुपरमून कहा जाता है. जब एक ही महीने में में दूसरा सुपरमून बनता है तो उसे सुपर ब्लू मून कहा जाता है. सुपरमून और ब्लू मून एक ही दिन पर होना एक ऐसा संयोग है जो कई-कई दशकों में एक बार देखने को मिलता है. 

Blue Moon (File Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:02 PM IST
  • रात 11 बजकर 55 मिनट पर दिखेगा सबसे बड़ा चांद 
  • ब्लू मून मौसमी और मासिक दो तरह को होता है

19 अगस्त 2024 का दिन खगोल विज्ञान में रूचि रखने वालों के लिए खास है. जी हां, आज की रात साल का पहला सुपर मून दिखाई देगा. यह ब्लू सुपरमून (Blue Supermoon) होगा. सुपर मून और ब्लू मून जब साथ होते हैं तो उसे स्टर्जन सुपरमून (Sturgeon Supermoon) कहते हैं.

यह सुपरमून रात को करीब 11:55 बजे सबसे बड़ा और अधिक चमकीला नजर आएगा. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के मुताबिक यह दुर्लभ ब्लू सुपरमून अगले तीन दिनों तक यानी बुधवार तक दिखाई देगा. आइए इस ब्लू मून के बारे में जानते हैं. 

क्या होता है सुपरमून 
हमारी पृथ्वी के चारों तरफ चांद गोलाकार रास्ते में चक्कर नहीं लगाता. इसकी कक्षा इलिप्टिकल यानी अंडाकार है. इसके कारण चांद पृथ्वी का चक्कर लगाते समय कभी धरती से बहुत दूर होता है तो कभी पास होता है. चांद की कक्षा का वह प्वाइंट जहां से चांद पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, उसे पेरिजी (Perigee) कहते हैं. इस समय चांद की पृथ्वी से दूरी करीब 3 लाख 63 हजार 104 किलोमीटर होती है. इसके अलावा जब चांद पृथ्वी से सबसे दूर के प्वाइंट पर होता है तो उस प्वाइंट को एपोजी Apogee) कहते हैं. 

उस समय चांद की दूरी 4 लाख 5 हजार किलोमीटर होती है. जब चांद धरती के सबसे करीब होता है, उस दिन पूर्णिमा भी होती है, तो उसे सुपरमून कहा जाता है. इस दिन सामान्य चांद की तुलना में चंद्रमा लगभग 30 फीसदी ज्यादा चमकीला और 14 फीदसी बड़ा दिखाई देता है. हालांकि असल में चांद का आकार बढ़ता नहीं, पृथ्वी के क्षितिज (होरिजन) पर ऐसा लगता है कि चांद बड़ा है और पृथ्वी के काफी नजदीक है. सुपरमून शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1979 में वैज्ञानिकन रिचर्ड नोल ने किया था. आम तौर पर एक साल में तीन या चार बार सुपरमून दिखते हैं.

ब्लू मून क्या है
नाम के अनुसार ब्लू मून दिखने में नीले रंग का नहीं होता है बल्कि आम चांद की तरह ही इसका रंग होता है. ब्लू मून दो तरह को होता है. सीजनल यानी मौसमी और मासिक. मौसमी ब्लू मून तब दिखाई देता है, जब एक ही मौसम में चार पूर्णिमा होती है. तीसरी पूर्णिमा को ब्लू मून कहा जाता है. मासिक ब्लू मून तब होता है जब एक ही महीने में दो पूर्णिमा आ जाए.

ऐसे महीने के दूसरे फुल मून को ब्लू मून कहा जाता है. 19 अगस्त को मौसमी ब्लू मून है. एक ही महीने में दूसरी बार जब सुपर मून बनता है तो इसे  सुपर ब्लू मून कहते हैं. ये दुर्लभ घटना होती है. इससे पहले साल 2018 में सुपर ब्लू मून दिखा था. नासा के मुताबिक सीजनल ब्लू मून हर दो से तीन साल में एक बार आता है. सुपर मून और ब्लू मून का साथ आना रेयर है.

नंगी आंखों से भी देख सकते हैं सुपरमून को 
सुपरमून ब्लूमून को आप नंगी आंखों से देख सकते हैं. यह इतना बड़ा होता है कि इसे देखने के लिए किसी स्पेशल उपकरण की जरूरत नहीं होती है. इस सुपरमून की आप मोबाइल या कैमरा से फोटो खींच सकते हैं. बाइनोकुलर्स और टेलेस्कोप से देखने पर सुपरमून के ज्यादा फीचर नजर आ सकते हैं. आप उस जगह से ब्लूमून को देखें जहां प्रदूषण कम हो. 

कब लगेगा अगला सुपरमून 
19 अगस्त 2024 के बाद इस साल तीन और सुपरमून दिखाई देंगे. 17 सितंबर के दिन हार्वेस्ट मून (Harvest Moon) नजर आएगा. इसके बाद 17 अक्टूबर को हटंर्स सुपरमून नजर आएगा. इस साल का आखिरी सुपरमून 15 नवंबर की रात नजर आएगा. आपको मालूम हो कि चांद के पास अपनी कोई रोशनी नहीं है. चंद्रमा की सतह से टकराकर सूरज का प्रकाश धरती तक पहुंचता है. इस कारण रात के समय चंद्रमा हमें चमकता हुआ दिखाई देता है.

 

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