अगर आपको रात में अकेले बैठ कर आसमान देखना पंसद है तो ये खबर आपके लिए है. अगले दो दिनों में आसमान से सितारों की बारिश होने जा रही है. जिससे आसमान का नजारा और भी खूबसूरत हो जाएगा. नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के मुताबिक अगले दो दिनों में उल्कापिंडों की झमाझम बरसात होगी. इन उल्कापिंडो का नाम Tau Herculids है. ये बारिश 30 मई की रात से शुरू होकर 31 मई की सुबह तक जारी रहेगी. NASA के मुताबिक करीब 20 साल बाद इतनी ज्यादा रौशनी देखने को मिलने वाली है.
नासा का कहना है कि तारों की ये बारिश धूमकेतु की वजह से होगी. 2009 के स्पिट्जर के रिसर्च में छपी रिपोर्ट में ये कहा गया है कि इन दोनों ही रातों में धूमकेतु के कुछ टुकड़े इतनी तेजी से आगे बढ़ेंगे कि इनकी चमक हमें धरती से दिखाई देगी. दरअसल यह उल्कापिंड SW-3 धूमकेतु से होकर गुजरते हुए धरती की तरफ आएंगे.
इस धूमकेतु की पहचान 1930 में क्योटो, जापान में दो जर्मन खगोलविदों ने की थी. इस धूमकेतु का नाम दोनों खगोलविदों के नाम पर SW-3 रखा गया. यह धूमकेतु साढ़े पांच साल में एकबार सूरज के चक्कर लगाता है. लेकिन करीब 40 सालों से ये धूमकेतु 40 साल के लिए गायब हो गया था. 1935 से 1974 के बीच कम से कम 8 बार देखा गया था. इस दौरान आसमान से सितारों की बारिश होने जैसा नजारा देखा गया था. ये धूमकेतु मार्च 1979 में दुबारा दिखाई दिया उसके बाद एक बार साल 1995 में भी नजर आया था. इस समय आसमान का नजारा पहले के मुकाबले 600 गुना ज्यादा चमकदार नजर आया था.
रिपोर्टस के मुताबिक,यह धूमकेतु अब कई भागों में बंट गया है. नासा के मुताबिक 31 मई की रात में हर घंटे 1000 उल्कापिंडों के बारिश हो सकती है. अगर धूमकेतु के मलबे धीमी गती से अलग होंगे तो धरती पर उल्कापिंडों की बारिश नहीं होगी. नासा के मुताबिक मंगलवार को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजकर 30 पर उल्कापिंड धरती पर तेजी से गिरेंगे.
क्या भारतीय देख पाएंगे ये नजारा
नासा का कहना है कि भारत में इस समय दिन होने की वजह से उल्कापिंडों को देख पाना मुमकिन नहीं हो पाएगा. वहीं अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको और लैटिन अमेरिका में रहने वाले ये नजारा देख सकते हैं.