इंजेक्शन से है डर? वैज्ञानिकों की नई रिसर्च से Patch से ले सकेंगे कोविड-19 वैक्सीन, जानिए कैसे

क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी (University of Queensland) के वैज्ञानिकों ने एक कोविड-19 वैक्सीन पैच का टेस्ट किया है जिससे लगने से आपको दर्द नहीं होगा. इससे आप पेन-फ्री (Pain-Free) डोज ले सकेंगे. मुलर बताते हैं कि इसका उपयोग करना बहुत आसान है. इसे लगाने के लिए आपको किसी स्पेशलिस्ट की जरूरत नहीं होती है बल्कि आप खुद इसे लगा सकेंगे.

प्रतीकात्मक तस्वीर
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST
  • क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने की खोज
  • कोविड-19 वैक्सीन पैच से नहीं होगा दर्द, ले पाएंगे Pain-free डोज
  • इसका उपयोग करना भी है बहुत आसान

बचपन में हमें सबसे ज्यादा डर इंजेक्शन से लगता था और अभी भी कई ऐसे हैं जिन्हें सुई से डर लगता है. लेकिन अगर आपको सिरिंज (syringes) का फोबिया है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी (University of Queensland) के वैज्ञानिकों ने एक कोविड-19 वैक्सीन पैच का टेस्ट किया है जिससे लगने से आपको दर्द नहीं होगा. इससे आप पेन-फ्री (Pain-Free) डोज ले सकेंगे. इसके साथ इसे कोल्ड चेन ट्रांसपोर्ट की जरूरत भी नहीं पड़ेगी, यानि इसे एक निश्चित तापमान में रखने की जरूरत नहीं होगी. ये रिसर्च साइंस एडवांसेज (Science Advances) जर्नल में प्रकाशित हुई है.

30 दिनों तक रख सकेंगे वैक्सीन 

ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की एक रिसर्च टीम ने मिलकर ये शोध किया है. इस माइक्रो-नीडल पैच  से स्किन में कोविड-19 डीएनए वैक्सीन दी जा सकेगी. इस माइक्रोनीडल पैच को रूम टेम्परेचर (Room Temperature) पर 30 दिनों तक रखा जा सकता है. 

वैक्सीन पैच कैसे काम करता है?

क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के वायरोलॉजिस्ट और इस पेपर के सह-लेखक डेविड मुलर ने AFP को बताया कि ऑस्ट्रेलियाई-अमेरिकी टीम ने एक वर्ग सेंटीमीटर के एरिया को कवर करने वाले पैच का इस्तेमाल किया, जिसमें 5,000 से अधिक माइक्रोस्कोपिक स्पाइक (microscopic spikes) डॉटिड थे. उन्होंने आगे बताया, “ये इतने छोटे स्पाइक थे कि आप वास्तव में खुली आंखों से उन्हें नहीं देख सकते."

इनके टिप्स पर एक्सपेरिमेंटल वैक्सीन लगाई गयी. इसके बाद इस पैच को एक हॉकी पक जैसा दिखने वाले एप्लीकेटर के साथ क्लिक किया जाता है. यह ऐसा फील होता है जैसे आपको स्किन  पर एक हल्का-सा झटका मिला हो.

Photo: क्वींसलैंड विश्वविद्यालय , डेविड मुलर

 
सुई से बेहतर है पैच!

रिसर्च के लिए प्रयोग किये गए चूहें पर दो मिनट के बाद एक बार पैच के जरिये और दूसरी बार सुई से इंजेक्ट किया गया.  रिसर्च में पाया गया कि पैच ने सीरिंज से बेहतर प्रदर्शन किया. दो डोज के बाद जिन लोगों को पैच से डोज दी गयी थी, उनमें ज्यादा न्युट्रिलाइसिंग एंटीबॉडीज बनीं.  ये इंजेक्शन से दी गयी डोज से बेहतर था.

क्या बनाता है पैच को ज्यादा इफेक्टिव?

दरअसल, वैक्सीन डोज को आमतौर पर मांसपेशियों में इंजेक्ट किया जाता है, लेकिन मांसपेशियों के टिश्यू (Tissues) में दवा पर रियेक्ट करने के लिए हैं बहुत ज्यादा इम्यून सेल नहीं होती हैं. मुलर बताते हैं कि इसमें को छोटे स्पाइक्स होते हैं वो स्किन डेथ (Skin Death) का कारण बनते हैं, जिसके बाद यह शरीर को किसी समस्या के प्रति सचेत करते हैं और बीमारी से लड़ने के लिए अधिक इम्यून रिस्पांस  को ट्रिगर करते हैं.

मुलर बताते हैं कि इसका उपयोग करना बहुत आसान है. इसे लगाने के लिए आपको किसी स्पेशलिस्ट की जरूरत नहीं होती है बल्कि आप खुद इसे लगा सकेंगे. 

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