Uravu Labs: तकनीक का कमाल! हवा से साफ पीने का पानी बना रहा है यह स्टार्टअप 

बेंगलुरु की एक स्टार्ट-अप उरावु लैब्स ने हवा से पानी निकालने के लिए एक डिवाइस बनाया है. हालांकि, उन्होंने इसके लिए एक अलग तरीका अपनाया है. उन्होंने एयर-वाटर एक्सट्रैक्शन सिस्टम का उपयोग किया है.

Water from air
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2023,
  • अपडेटेड 8:35 PM IST
  • हवा से बना रहे हैं पानी 
  • तकनीक का कमाल

आपको क्वांटम ऑफ सोलेस, जेम्स बॉन्ड फिल्म याद है? जिसमें विलेन बोलीविया में एक बड़े एक्वीफर पर कंट्रोल करने की साजिश रचता है. बस ठीक ऐसा ही आज के समय में इंसान कर रहा है. दुनिया के अरबों गरीब पानी की कमी झेल रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की शुरुआत में दुनिया की आधी आबादी पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रह सकती है. भारत, जहां पहले से ही जल स्तर में गिरावट से जूझ रहा है. ऐसे में इसका उपाय निकाल लिया है उरावु लैब ने. उन्होंने हवा से पानी निकालना शुरू किया है. 

हवा से बना रहे हैं पानी 

बेंगलुरु की एक स्टार्ट-अप उरावु लैब्स ने हवा से पानी निकालने के लिए एक डिवाइस बनाया है. हालांकि, उन्होंने इसके लिए एक अलग तरीका अपनाया है. उन्होंने एयर-वाटर एक्सट्रैक्शन सिस्टम का उपयोग किया है, जिसमें हवा से नमी को दूर करने के लिए खारे पानी के घोल का उपयोग किया जाता है. हवा ब्राइन के ऊपर से गुजरती है, और जैसे ही यह नमी को अब्सॉर्ब करती है, ब्राइन सैचुरेट हो जाता है. पानी को वाष्पित करने के लिए ब्राइन को सोलर एनर्जी से गर्म किया जाता है, और परिणामस्वरूप जल वाष्प (Water Vapour) इकट्ठा किया जाता है.

एयर-वाटर एक्सट्रैक्शन सिस्टम कैसे काम करता है?

एयर-वाटर एक्सट्रैक्शन सिस्टम हवा से नमी को हटाने के लिए एक dehumidifier का उपयोग करता है. यह अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है. इसमें सबसे कॉमन मेथड है कि गर्म, ह्यूमिड एयर को ठंडा करके. इस प्रक्रिया से, हवा नमी को अब्सॉर्ब करने की अपनी क्षमता खो देती है, जिससे जल वाष्प बूंदों में बदलने लगता है. ये ठीक ऐसा है जैसे जब हम अपना एयर कंडीशनर चलाते हैं.

एयर-टू-वाटर सिस्टम कैसे काम करता है?

उरावु लैब्स के को-फाउंडर स्वप्निल श्रीवास्तव ने एक मीडिया हाउस को बताया कि उनका उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ समाधान ढूंढना है. स्वप्निल कहते हैं, "हमारा एयर-टू-वाटर सिस्टम कम ऊर्जा (300 वाट-घंटे प्रति लीटर) का उपयोग करता है.” उरावू लैब्स वर्तमान में सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहा है.

एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, उरावू लैब्स बेंगलुरू स्थित इन-हाउस फैसिलिटी से हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री, प्रीमियम कैफे, बेवरेज इंडस्ट्री को पैकेज्ड पानी की आपूर्ति करती है. उनकी वर्तमान क्षमता 1000 लीटर प्रति दिन (एलपीडी) है, जिसमें औसत लागत ₹4-5 प्रति लीटर पानी का उत्पादन है. 


 

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