US Moon Lander Since: होगी चंद्रमा के रहस्यों की खोज! अमेरिका ने 50 साल के बाद एक बार फिर से हो रहा मून मिशन लॉन्च 

इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के रहस्यों की खोज करना है. पेरेग्रीन वन पर नासा के पेलोड सूट चंद्रमा पर पानी के मोलेक्युल्स का पता लगाएंगे. इसके अलावा, लैंडर के चारों ओर रेडिएशन और गैसों को मापने का काम किया जाएगा.

Moon Mission
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST
  • एस्ट्रोबोटिक पेरेग्रीन मिशन वन
  • एस्ट्रोबोटिक कंपनी रचेगी इतिहास 

50 से ज्यादा साल पहले अमेरिका का स्पेसक्राफ्ट चांद पर उतरा था. अब एक बार फिर से अमेरिकी चंद्रमा की सतह की ओर एक और स्पेसक्राफ्ट लॉन्च करने के लिए तैयार है. पिट्सबर्ग स्थित कंपनी, एस्ट्रोबोटिक, सोमवार को 2:18 बजे ईटी (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:48 बजे) पर अपने 'पेरेग्रीन' लैंडर को अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिए तैयार है. 

एस्ट्रोबोटिक पेरेग्रीन मिशन वन

ये नासा की कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) पहल का हिस्सा है. एस्ट्रोबोटिक के पेरेग्रीन लैंडर पर सवार होकर चंद्रमा पर पांच पेलोड भेजा जा रहा है.नासा की प्रेस रिलीज के अनुसार, लॉन्च 8 जनवरी, 2024 को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से यूनाइटेड लॉन्च अलायंस वल्कन रॉकेट द्वारा निर्धारित किया गया है.

चंद्रमा के रहस्यों की खोज

इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के रहस्यों की खोज करना है. पेरेग्रीन वन पर नासा के पेलोड सूट चंद्रमा पर पानी के मोलेक्युल्स का पता लगाएंगे. इसके अलावा, लैंडर के चारों ओर रेडिएशन और गैसों को मापने का काम करेंगे. इनकी मदद से हमारी समझ और भी गहरी हो सकेगी कि आखिर सोलर रेडिएशन चांद की सतह के साथ कैसे संपर्क करती है. 

नासा के मुताबिक अगर सब कुछ प्लान के अनुसार हुआ, तो पेरेग्रीन 23 फरवरी को चंद्रमा पर साइनस विस्कोसिटैटिस, या स्टिकनेस की खाड़ी में अपनी लैंडिंग करेगा.

क्या है पेरेग्रीन?

पेरेग्रीन न केवल एक साइंटिफिक वेसेल है बल्कि मानव इतिहास और इनोवेशन का भंडार है. इसे 20 एक्सपेरिमेंट और इंटरनेशनल पेलोड के साथ पैक किया गया, इसमें जूते के डिब्बे के आकार का रोवर और सेंसर से लेकर व्यक्तिगत स्मृति चिन्ह, एक फिजिकल बिटकॉइन और यहां तक ​​कि जीन रोडडेनबेरी और आर्थर सी. क्लार्क जैसी उल्लेखनीय हस्तियों के अंतिम संस्कार के अवशेष और डीएनए तक की वस्तुएं शामिल हैं.

एस्ट्रोबोटिक कंपनी रचेगी इतिहास 

ये लॉन्च सफल होता है तो एस्ट्रोबोटिक चंद्रमा की सतह पर कंट्रोल्ड  या 'सॉफ्ट' लैंडिंग हासिल करने वाली पहली प्राइवेट कंपनी के रूप में इतिहास रचने वाली है. हालांकि, मिशन को लेकर उत्साह के बावजूद, इसके कुछ कमर्शियल पेलोड के कारण विवाद पैदा हो गया है. कई एक्सपर्ट्स ने इसपर मानव अवशेषों के होने के बारे में चिंता व्यक्त की है. जिसका जवाब देते हुए नासा ने कहा है कि वो भविष्य में ऐसा कोई भी निर्णय लेते हुए एक्सपर्ट्स और बाकि देशों से भी सलाह और परामर्श लेगा.

 

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