'पोमेटो' और 'ब्रिमेटो' को सफलतापूर्वक विकसित करने के बाद, ICAR-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR), वाराणसी के वैज्ञानिक अब एक नए सिंगल प्लांट पर काम कर रहे हैं जो एक साथ तीन सब्जियां उगाएगा- बैंगन, टमाटर और मिर्च. हालांकि इस पौधे का नाम रखने में कुछ समय लगेगा.
ग्राफ्टिंग तकनीक का उपयोग करते हुए, ICAR-IIVR के वैज्ञानिकों ने पहले 'पोमेटो' विकसित किया, जिससे आलू और टमाटर की पैदावार होती है और अब 'ब्रिमेटो' में बैंगन और टमाटर की पैदावार संभव हो गई है.
ग्राफ्टिंग करके तैयार किया पौधा
IIVR के निदेशक डॉ. टीके बेहरा के मार्गदर्शन में, ICAR-IIVR, वाराणसी में प्रमुख वैज्ञानिक (सब्जी) और फसल उत्पादन प्रभाग के प्रमुख डॉ. अनंत बहादुर अब तीन सब्जियां पैदा करने वाले इस अनूठे एकल पौधे को विकसित करने पर काम कर रहे हैं.
बैंगन के रूटस्टॉक पर मिर्च और टमाटर के पौधों की ग्राफ्टिंग की गई है और पौधा अच्छे से बढ़ रहा है. डॉ. बहादुर ने कहा, हमें पूरी उम्मीद है कि जनवरी 2024 के अंत तक मिर्च, बैंगन और टमाटर की पैदावार शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि वह इसकी खेती की फिजिएबिलिटी का विश्लेषण करेंगे.
पोमेटो से मिले तीन किलो टमाटर
'पोमेटो' के बारे में डॉ. बहादुर ने बताया कि आलू के कंद अंकुरित हो गए थे और फिर अंकुरित आलू के कंदों पर टमाटर के पौधों की ग्राफ्टिंग की गई. जरूरत के अनुसार समय-समय पर पौधे की सिंचाई की जाती रही. यह अच्छी तरह से विकसित हुआ और जमीन के ऊपर टमाटर और जमीन के नीचे आलू लगे. उन्होंने बताया कि एक प्लेट में 'पोमेटो' से लगभग तीन किलोग्राम टमाटर और लगभग 1.25 किलोग्राम आलू प्राप्त हुए.
इसके बाद, 2019 में, डॉ. अनंत बहादुर ने अपनी टीम के साथ जलभराव और लवणता के प्रति सहनशील बैंगन रूट स्टॉक पर बैंगन और टमाटर दोनों हाइब्रिड किस्मों का ग्राफ्ट किया. 2019 में उनकी टीम सही परिणाम पाने में सफल रही. उन्होंने कहा कि 'ब्रिमेटो' वाटरलॉगिंग की स्थिति में चार दिनों तक जीवित रहने में सक्षम है, जबकि एक सामान्य पौधा 24 घंटे के भीतर जलजमाव की स्थिति में मुरझाकर नष्ट हो जाता है.
ब्रिमेटो से मिले 2.5 किलो बैंगन
अक्टूबर में, पौधे की रोपाई की गई और मार्च तक बैंगन और टमाटर की कटाई की गई. डॉ. बहादुर ने कहा, एक पौधा लगभग 3 किलोग्राम टमाटर और 2.5 किलोग्राम बैंगन पैदा करता है. डॉ. बहादुर ने कहा कि इस विशेष पौधे का नाम ब्रिमेटो रखा गया है क्योंकि यह टमाटर और बैंगन दोनों पैदा करता है. इसे किचन गार्डन, और छोटे खेतों में भी उगाया जा सकता है.