Volcanic eruption explained: इंडोनेशिया में मेरापी ज्वालामुखी फटने से 11 की मौत, जानें कैसे होता है ज्वालामुखी में विस्फोट

पश्चिमी इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से 26 में से 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई है. बाकी की तलाश जारी है. वेस्ट सुमात्रा में स्थित माउंट मरापी में रविवार को अचानक विस्फोट से आसमान में 3,000 मीटर तक राख की मोटी परत छा गयी और राख के बादल कई किलोमीटर तक फैल गए. 

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST
  • ज्वालामुखी फटने से जहरीला गैसें निकलती हैं
  • इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से 26 में से 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई है.

पश्चिमी इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से 26 में से 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई है. बाकी की तलाश जारी है. वेस्ट सुमात्रा में स्थित माउंट मरापी में रविवार को अचानक विस्फोट से आसमान में 3,000 मीटर तक राख की मोटी परत छा गयी और राख के बादल कई किलोमीटर तक फैल गए. 

एक स्थानीय अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ये हादसा रविवार को पश्चिमी इंडोनेशिया में हुआ था. जिसे चारों तरफ दहशत फैल गई. धमाके का असर आसपास के इलाकों में भी हुआ. बचावकर्मी पर्वतारोहियों के शव और फंसे हुए लोगों को निकालने के काम में जुटे हुए हैं. हालांकि इस दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों ने इलका में अलर्ट जारी कर दिया है, साथ ही लोगों को गड्ढे के 3 किमी के अंदर जाने पर रोक लगा दी है.

कैसे फटता है ज्वालामुखी
ज्वालामुखी एक पहाड़ होता है जिसके अंदर पिघला लावा भरा होता है. यहां का तापमान करीब 1500 डिग्री सेल्सियस होता है. धरती के नीचे दबी एनर्जी से जब पत्थर पिघलते लगते हैं तो नीचे से ऊपर की ओर दबाव बढ़ता है. इसी दबाव की वजह से पहाड़ ऊपर से फट पड़ता है. ज्वालामुखी के नीचे पिघले हुए पदार्त को मैग्मा कहते हैं. 

ज्वालामुखी फटने से जहरीला गैसें निकलती हैं
मैग्मा हल्का होने की वजह से ऊपर की ओर उठता है और धरती की सतह को फाड़ता हुआ निकल जाता है. इसे ही ज्वालामुखी का फटना कहते हैं. जो मैग्मा विस्फोट के बाद बाहर निकल जाता है उसे लावा कहते हैं. लावा का तापमान 800 से 1200 डिग्री सेल्सियस होता है. लावा अगर गाढ़ा और भारी हो तो तबाही की संभावना ज्यादा होती है. ज्वालामुखी फटने पर लावा के साथ-साथ और भी जहरीली गैसें जैसे सल्फर डाईऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड भारी मात्रा में निकलती हैं.

पिछले 1700 सालों में इंडोनेशिया में 184 बार ज्वालामुखी विस्फोट हो चुका है.इंडोनेशिया प्रशांत महासागर के "रिंग ऑफ फायर" पर स्थित है और यहां 127 ज्वालामुखी सक्रिय हैं. यह इंडोनेशिया में सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है और 1548 से नियमित रूप से फूटता रहा है.

ज्वालामुखी विस्फोट के फायदे
ज्वालामुखी विस्फोट से लोगों की मौत हो सकती है और भारी नुकसान हो सकता है. हालांकि इसके कुछ फायदे भी हैं. ज्वालामुखी विस्फोट में हाई वैल्यू के खनिज भंडार जैसे एल्यूमीनियम, सोना और nickel निकलते हैं. ज्वालामुखी राख से ऐसी मिट्टी बनती है जो पोषक तत्वों से भरपूर और उपजाऊ होती है. लावा लैंड फॉर्मेशन में भी मदद करता है. 

 

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