16 साल पहले ग्रह का दर्जा छीने जा चुके प्लूटो को लेकर वैज्ञानिकों ने नई रिसर्च की है. इस रिसर्च को नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है. दरअसल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के अंतरिक्ष यान न्यू होराइजन्स ने प्लूटो पर बर्फीले ज्वालामुखी देखे हैं. प्लूटो की ऊबड़-खाबड़ जमीन पर पहली बार इस तरह का कुछ देखा गया है. सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि ये धरती के ज्वालामुखी की तरह गर्म लावा नहीं उगलते, बल्कि भारी मात्रा में बर्फ उगलते हैं.
पहली बार देखा जा रहा है ये अद्भुत नजारा
नासा की मानें तो इस तरह के करीब 10 ज्वालामुखी मिले हैं. गुंबद के आकार के ये ज्वालामुखी अभी तक केवल प्लूटो पर ही पाए गए हैं. किसी दूसरे पर ऐसा कुछ नहीं मिला है. नासा की रिसर्च में खोजे गए ये ज्वालामुखी इससे पहले सौरमंडल में कभी भी देखने को नहीं मिले. वैज्ञानिकों ने इन ज्वालामुखी को क्रायोज्वालामुखी (Cryovolcanoes) नाम दिया है. इस पर पानी जमा हुआ है. अब वैज्ञानिकों को दूसरे ग्रहों पर भी इस तरह के ज्वालामुखी मिलने की उम्मीद है.
प्लूटो पर हैं नाइट्रोजन आइस ग्लेशियर्स
इस रिसर्च में शामिल वैज्ञानिक केल्सी सिंगर ने बताया कि प्लूटो के अंदर नाइट्रोजन आइस ग्लेशियर्स हैं. नाइट्रोजन गैस से बनी ये बर्फ दिन में भाप बनती है और रात में फिर सॉलिड बन जाती है. यही वजह है कि प्लूटो का रंग दिन और रात में अलग-अलग दिखाई देता है. इसका हर हिस्सा एक दूसरे से अलग है.
काफी दूर तक फैले हैं ये बर्फीले पहाड़
साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की मानें तो प्लूटो के दक्षिण पश्चिमी जोन की एक घाटी के नीचे से बड़ी मात्रा में कीचड़ निकल रहा है. जिसकी वजह से 1-7 किलोमीटर तक के पहाड़ बन रहे हैं. ये पहाड़ 30 से 100 किलोमीटर के इलाके में फैले हुए हैं. इस स्टडी में ये भी बताया गया है कि सौरमंडल के कई और उपग्रहों पर बर्फीले ज्वालामुखी मौजूद हैं, लेकिन वे इस ज्वालामुखी से काफी अलग हैं. हालांकि अभी इस बात का पता नहीं लगाया जा सका है कि इन्हें यहां पर बने कितना समय हो चुका है.
क्यों प्लूटो से छिना गया प्लूटो का दर्जा?
16 साल पहले प्लूटो से ग्रह का दर्जा छीन लिया गया था. सौरमंडल में पहले प्लूटो को ग्रह का दर्जा था, लेकिन क्योंकि यह बहुत छोटा ग्रह है, इस कारण इससे ग्रह का दर्जा छीन लिया गया. दरअसल ये धरती और चांद से भी छोटा है, जिस वजह से इस ग्रह की लिस्ट से हटा दिया गया.