What is Sturgeon Moon: अगस्त महीने के पूरे चांद को क्यों कहते हैं स्टर्जन मून, इस दिन दिखेगा यह सुपरमून

अगर आपको स्काईवॉचिंग पसंद है तो आपके लिए गुड न्यूज है. दरअसल, इस साल अगस्त के महीने में दो Supermoon दिखाई देंगे, जिनमें से एक Sturgeon Moon है तो दूसरा Blue Moon है.

Supermoon in August
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 31 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST
  • एक नहीं बल्कि दो सुपरमून देंगे दिखाई
  • "स्टर्जन मून" नाम का है ऐतिहासिक महत्व

अगर आपको आसमान में चांद-तारे देखना पसंद है तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल, अगस्त में एक नहीं बल्कि दो सुपरमून दिखाई देंगे. सुपरमून की घटना तब घटित होती है जब पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु के करीब होता है, जिससे यह सबसे दूर की तुलना में 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला दिखाई देता है.

लोगों को पहली बार मंगलवार की शाम, 1 अगस्त को फूल मून देखने को मिलेगा, जब यह मात्र 222,159 मील (357,530 किमी) दूर दक्षिण-पूर्व में उगेगा. वहीं, बुधवार 30 अगस्त की रात को यह 222,043 मील (357,344 किमी) की दूरी पर और भी करीब होगा - और क्योंकि यह अगस्त के महीने में ही दूसरी पूर्णिमा है, तो इसे ब्लू मून के रूप में जाना जाएगा. इन आंकड़ों की तुलना लगभग 252,088 मील (405,696 किमी) की दूरी से की जाती है जब चंद्रमा पृथ्वी से अपने सबसे दूर बिंदु पर होता है.

क्यों कहते हैं स्टर्जन मून
01 अगस्त 2023 को स्टर्जन चंद्रमा देखा जाएगा. यह साल का दूसरा सुपरमून होगा. इस साल स्टर्जन चंद्रमा 1 अगस्त को दिखाई देगा.अगस्त के महीने में दूसरी पूर्णिमा होगी, जिसे ब्लू मून के रूप में जाना जाता है. अगस्त में आने वाले सुपरमून को स्टर्जन मून क्यों कहा जाता है. इस साल फुल स्टर्जन चंद्रमा 1 अगस्त की शाम को इस्टर्न समय के अनुसार 2:32 बजे उदय होगा जो भारतीय मानक समय (IST) में सुबह 12:02 बजे है. 

अगस्त की पूर्णिमा या सुपरमून को स्टर्जन चंद्रमा माना जाता है क्योंकि समय और तारीख के अनुसार, साल के इस समय में उत्तरी अमेरिका की ग्रेट झीलों में स्टर्जन मछली पाई जाती थी. इसे "ग्रेन मून", "कॉर्न मून", "लिंक्स मून" और "लाइटनिंग मून" के नाम से भी जाना जाता है. स्टर्जन चंद्रमा एक सुपरमून के अलावा और कुछ नहीं है. 

"स्टर्जन मून" नाम का ऐतिहासिक महत्व है, यह उस समय से है जब मूल अमेरिकियों, औपनिवेशिक अमेरिका और यूरोपीय लोगों ने पूरे चांद यानी फुल मून को देखा और उनके लिए विशिष्ट नाम रखे. गर्मियों के महीनों के दौरान ग्रेट लेक्स और लेक चम्पलेन में स्टर्जन फिश की संख्या बहुत ज्यादा थी और वहीं से सुपरमून के इन उपनाम की उत्पत्ति हुई.

सुपरमून क्या है?
सुपरमून तब होता है जब चंद्रमा का ऑर्बिट पृथ्वी के सबसे करीब होती है और उसी समय चंद्रमा पूर्ण होता है. यह घटना इसलिए होती है क्योंकि चंद्रमा एक पूरे सर्किल के बजाय एक्लिप्स में पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जिससे चंद्रमा पृथ्वी की कक्षा के करीब आ सकता है या उससे आगे जा सकता है. 

 

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