Solar Flare: सोलर फ्लेयर क्या है और ये पृथ्वी से क्यों टकराते हैं?, नेविगेशन सिस्टम पर पड़ता है निगेटिव असर

सूर्य हाल ही में बहुत सारे सौर ज्वालाएं उत्सर्जित कर रहा है. ऐसा सोलर फ्लेयर की वजह से हो रहा है. सोलर फ्लेयर एक तरह की सौर गतिविधि है. इसकी वजह से जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है.

solar flare
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST
  • सूरज पर बनने वाले सनस्पॉट से सोलर फ्लेयर निकलती है.
  • नेविगेशन सिस्टम पर पड़ता है निगेटिव असर

अक्‍सर हम ‘सोलर फ्लेयर' जैसी घटनाओं के बारे में सुनते हैं. क्या आप जानते हैं सूर्य में होने वाली इन गतिविधियों का असर कई बार पृथ्‍वी तक होता है. सोलर फ्लेयर्स सूरज से अचानक निकलने वाली मैग्नेटिक एनर्जी है. यह अगर सीधा पृथ्वी की तरफ आ जाए तो खतरा बन सकती है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सूरज हाल ही में बहुत सारी सौर ज्वालाएं उत्सर्जित कर रहा है. 

सोलर फ्लेयर क्या है चलिए पहले ये जान लेते हैं

जब सूर्य (सनस्पॉट) से चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी से सौर फ्लेयर्स बनते हैं. सोलर फ्लेयर को कोरोनल मास इंजेक्शन (सीएमई) के रूप में भी जाना जाता है. सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट माने जाते हैं, इनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है. ये फ्लेयर्स मध्यम, मजबूत और तेज रोशनी वाले हो सकते हैं. ये फ्लेयर्स कुछ ही मिनटों तक निकलते हैं.

क्या सोलर फ्लेयर्स खतरनाक होते हैं?

पृथ्वी अपने चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करके सौर ज्वालाओं के हानिकारक प्रभाव से काफी हद तक हमारी रक्षा करती है. वे पृथ्वी पर मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं हैं, लेकिन कभी-कभी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. सोलर फ्लेयर्स उपग्रह संचार को प्रभावित कर सकते हैं और साथ ही कई बार रेडियो ब्लैकआउट का कारण भी बन सकते हैं. 1989 में सोलर फ्लेयर्स से इतने खतरनाक विस्पोट निकले कि कनाडा के क्यूबेक प्रांत में नौ घंटे तक बिजली गुल रही.

क्या पृथ्वी के लिए खतरनाक हैं सोलर फ्लेयर्स?

सोलर फ्लेयर्स का पृथ्वी पर नकारात्मक प्रभाव तभी पड़ता है जब वे सूरज के उस तरफ होती हैं, जिधर हमारी पृथ्वी होती है. सोलर फ्लेयर्स का इंसानों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन मैग्नेटिक फील्ड को मापने के लिए जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं, वो इंसानों पर असर डाल सकती है. सौर तूफानों के बारे में एक अच्छी बात यह है कि वे नॉर्दर्न लाइट्स की तरह बहुत ही सुंदर प्राकृतिक प्रकाश पैदा कर सकते हैं.

पृथ्वी से क्यों टकराते हैं सोलर फ्लेयर?

सोलर फ्लेयर का पृथ्वी से टकराना असामान्य नहीं है. इसके टकराने की प्रवृत्ति इस बात पर निर्भर करती है कि सूर्य की गति कैसी है. सूर्य का नया सौर चक्र हर 11 साल में शुरू होता है. और अभी सूर्य अपने शुरुआती चक्र में है. ऐसे में हम आने वाले समय में कई बार सोलर फ्लेयर की स्थिति देख सकते हैं. सौर गतिविधि को वैज्ञानिकों द्वारा ट्रैक किया जाता है क्योंकि इसका पृथ्वी पर प्रभाव हो सकता है.

 

Read more!

RECOMMENDED