Heart Attack का जोखिम है या नहीं... 30 साल पहले ही लग जाएगा पता! बस करना होगा ये सिंपल Blood test

सालों से, डॉक्टर दिल की बीमारी की जांच करने के लिए केवल एक ही मार्कर पर निर्भर थे. इसे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल या बैड कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है. लेकिन अब इसमें 2 टेस्ट और जोड़े गए हैं.

Heart Attack
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST
  • 30 साल पहले ही लग जाएगा हार्ट अटैक का पता
  • बस करना होगा सिपंल ब्लड टेस्ट

कई लोग आज दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं. हर साल ये बीमारी लाखों लोगों को प्रभावित करता है. दशकों पहले किसी व्यक्ति के दिल के दौरे या स्ट्रोक के जोखिम की भविष्यवाणी करना काफी मुश्किल था. लेकिन अब, डॉक्टरों ने एक आसान मेथड खोज लिया है.

इस नए तरीके से पहले ही हार्ट की बीमारी का पता लगाया जा सकता है. ये एक तरह का ब्लड टेस्ट है. इसमें तीन मार्कर्स की जांच की जाती है. इतना ही नहीं बल्कि इसकी मदद से दिल की बीमारी और स्ट्रोक के जोखिम की सटीक भविष्यवाणी 30 साल पहले ही की जा सकती है. 

पहले केवल एक मार्कर पर थे निर्धारित
सालों से, डॉक्टर दिल की बीमारी की जांच करने के लिए केवल एक ही मार्कर पर निर्भर थे. इसे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल या बैड कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है. एलडीएल कोलेस्ट्रॉल आपकी आर्टरी की दीवारों में जमा हो सकता है, जिससे प्लाक बनते हैं जो आर्टरी को संकीर्ण और सख्त कर देते हैं. एथेरोस्क्लेरोसिस के नाम से जानी जाने वाली इस स्थिति से दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. जबकि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल टेस्ट दिल की बीमारी का पता लगाने में एक बड़ा टेस्ट रहा है लेकिन किसी का दिल कितना स्वस्थ है ये नहीं बताता है. 

सीआरपी और लिपोप्रोटीन (ए) को जोड़ना
अब जो रिसर्च हुई है वो पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय तक की गयी है. इसमें एलडीएल कोलेस्ट्रॉल टेस्ट में दो और बायोमार्कर जोड़े गए हैं. सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) और लिपोप्रोटीन (a). इस स्टडी में लगभग 30,000 अमेरिकी महिलाएं शामिल की गईं थीं. 

सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) शरीर में सूजन के जवाब में लीवर द्वारा बनाया जाने वाला एक प्रोटीन है. सीआरपी के तक का संकेत होता है कि आर्टरी में सूजन हो सकती है. वहीं लिपोप्रोटीन(ए) खून में फैट का एक प्रकार है. लिपोप्रोटीन(ए) का लेवल ज्यादा हो तो इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक हो सकता है.

30 साल पहले ही लग जाएगा पता 
द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं में हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के अलावा सीआरपी और लिपोप्रोटीन(ए) का लेवल ज्यादा था, उनमें दिल की बीमारी होने का खतरा भी ज्यादा था. 

यह नया ब्लड टेस्ट हार्ट अटैक की भविष्यवाणी करने में एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है. इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, लाइफस्टाइल में बदलाव करके, अच्छी डाइट अपनाकर, फिजिकल एक्टिविटी करके और स्ट्रेस मैनेजमेंट करके इसे मैनेज किया जा सकता है. कुछ मामलों में, कोलेस्ट्रॉल को कम करने या सूजन को कम करने में मदद करने के लिए दवाएं भी दी जा सकती हैं.

 

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