इस महिला गणितज्ञ ने हल की 73 साल पुरानी गणित की पहेली, मिला नारी शक्ति पुरस्कार

नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में से एक हैं नीना गुप्ता, जिन्हें गणित के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए सम्मानित किया गया है. बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि नारी शक्ति पुरस्कार से पहले नीना गुप्ता को गणित के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक ‘रामानुजन प्राइज फॉर यंग मैथमेटिशियन’ से भी सम्मानित किया जा चुका है. 

Neena Gupta won Nari Shakti Award (Photo: Wikipedia)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 10 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST
  • ISI, कोलकाता में मैथ्स की प्रोफेसर हैं नीना
  • जीता नारी शक्ति पुरस्कार

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 29 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार 2020 और 2021 से सम्मानित किया गया. इन महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने को लेकर यह पुरस्कार दिया जाता है. देश के राष्ट्रपति खुद अपने हाथों से महिलाओं को सम्मानित करते हैं. 

नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में से एक हैं नीना गुप्ता, जिन्हें गणित के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए सम्मानित किया गया है. बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि नारी शक्ति पुरस्कार से पहले नीना गुप्ता को गणित के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक ‘रामानुजन प्राइज फॉर यंग मैथमेटिशियन’ से भी सम्मानित किया जा चुका है. 

रामानुजन अवॉर्ड पाने वाली वह तीसरी महिला और चौथी भारतीय गणितज्ञ हैं. आज गुड न्यूज़ टुडे के साथ जानिए नीना गुप्ता के बारे में. 

ISI में प्रोफेसर हैं नीना: 

मूल रूप से राजस्थान से आने वाली नीना गुप्ता कोलकत्ता में पली-बढ़ीं. उन्होंने खालसा हाई स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बेथ्यून कॉलेज में बीएससी मैथ्स (एच) की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद नीना ने Indian Statistical Institute से गणित में मास्टर्स और पीएचडी की. मौजूदा समय में वो कोलकाता स्थित इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (ISI) की मैथ्स प्रोफेसर हैं.

हल की 73 साल पुरानी पहेली:

नीना गुप्ता को Zariski cancellation problem का हल ढूंढने के लिए जाना जाता है. अलजेब्रिक जियोमेट्रो के फील्ड में उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें नेशलन साइंट अकेडमी द्वारा यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. 

अकादमी ने उनके द्वारा हल किये गए सवाल को ’हाल के वर्षों में कहीं भी किए गए बीजगणितीय ज्यामिति में सर्वश्रेष्ठ कार्य’ बताया है. कहा जाता है कि इस कठिन सवाल को 1949 में ऑस्कर जारिस्की ने प्रस्तुत किया था. वह आधुनिक बीजगणितीय ज्यामिति के सबसे प्रतिष्ठित संस्थापकों में से एक माने जाते थे. 

और 73 साल बाद इस पहेली को नीना गुप्ता ने हल करके मिसाल कायम की है. इसलिए उन्हें पहले रामानुजन अवॉर्ड और अब नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. 

 

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