हमारे देश में प्रतिभा और बुनियादी ढांचे की कोई कमी नहीं है. आज भारत वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है. ऐसी कई तकनीकी उपलब्धियां हैं जिन पर हर भारतीय को गर्व महसूस करना चाहिए.
1. अत्याधुनिक प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण
साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत ने पड़ोसी मुल्कों को पीछे छोड़ दिया है. कुछ दिनों पहले किये गए ‘अग्नि-पी’ के सफल फ्लाइट टेस्ट के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने आज स्वदेशी रूप से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल 'प्रलय' का पहला सक्सेसफुल फ्लाइट टेस्ट किया. यह टेस्ट ओडिशा के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया और इसने अपने सभी ऑब्जेक्टिव्स को पूरा किया.
2. सुपरक्लस्टर गैलेक्सी
यह ब्रह्मांड के पड़ोस में सबसे बड़ी ज्ञात संरचनाओं में से एक है, जोकि 20 मिलियन अरब सूर्य जितना बड़ा है. यह एक पथप्रदर्शक खोज है और इस समूह का नाम 'सरस्वती' रखा गया है.
3. इसरो ने सिंगल रॉकेट से लॉन्च कीं 104 सेटेलाइट
इसरो ने एक ही रॉकेट पर रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करके जटिल मिशनों को संभालने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. यह दुनिया के किसी भी देश द्वारा किसी एक मिशन में अब तक प्रक्षेपित किए गए उपग्रहों की सबसे अधिक संख्या है।
4. देश का सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी-एमके III
इसरो ने देश का सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी-एमके III लॉन्च किया, जिसका क्रायोजेनिक इंजन स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था. रॉकेट को अपनी तरह के पहले अंतरिक्ष मिशन में "गेम-चेंजर" बताया गया. यह देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में आत्मनिर्भर होने की दिशा में एक और बड़ा कदम है.
5. सबसे छोटा सैटेलाइट
तमिलनाडु के करूर के रहने वाले 18 साल के रिफत शारूक ने दुनिया के सबसे छोटे सैटेलाइट को डिजाइन कर इतिहास रच दिया. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम पर छोटे 3डी-मुद्रित उपग्रह को कलामसैट कहा जाता है, और नासा द्वारा अपने एक मिशन में इसे अंतरिक्ष में भेजा गया था.
6. परमाणु घड़ी
परमाणु घड़ी के विकास ने इसरो को दुनिया के कुछ अंतरिक्ष संगठनों में से एक बना दिया है जिसने इस परिष्कृत तकनीक को प्राप्त किया है. इसरो ने एक परमाणु घड़ी विकसित की है जिसका उपयोग सटीक स्थान डेटा को मापने के लिए नेविगेशन उपग्रहों में किया जाएगा. अंतरिक्ष एजेंसी वर्तमान में यूरोपीय एयरोस्पेस निर्माता एस्ट्रियम से परमाणु घड़ियों का आयात करती हैं.
7. परम
भारत का पहला स्वदेशी सुपरकंप्यूटर आधुनिक भारत की तकनीकी यात्रा में एक मील का पत्थर था. 80 के दशक में भारत को एक प्रौद्योगिकी-अस्वीकार शासन का सामना करना पड़ा. यह तब था जब उन्नत कंप्यूटिंग के विकास के लिए केंद्र (सी-डैक) की स्थापना उच्च गति कम्प्यूटेशनल जरूरतों को पूरा करने के लिए एक स्वदेशी सुपर कंप्यूटर विकसित करने के लिए स्पष्ट जनादेश के साथ की गई थी.
8. आर्यभट्ट
भारत द्वारा निर्मित पहला मानव रहित उपग्रह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. आर्यभट्ट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा एक्स-रे खगोल विज्ञान, एरोनॉमिक्स और सौर भौतिकी में प्रयोग करने के लिए बनाया गया था. इसने इसरो के लिए नई संभावनाएं खोली थीं.
9. ब्रह्मोस
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है. यह सुपरसोनिक मिसाइल के लिए एक बड़ी उपलब्धि और सफलता का प्रतीक है क्योंकि यह पहली बार है जब देश ने इस क्षमता और वर्ग की मिसाइल के लिए एक साधक विकसित किया है.
10. चंद्रयान-1 इसरो के चंद्रमा मिशन का पहला यान
चंद्रयान-1 इसरो के चंद्रमा मिशन का पहला यान था. चंद्रयान-1 को चांद तक पहुंचने में पांच दिन और उसका चक्कर लगाने के लिए कक्षा में स्थापित होने में 15 दिन लग गए थे.