केवल अंतरिक्ष में ही नहीं बल्कि रात में भी बढ़ जाती है हमारी हाइट, जानें इसके पीछे की थ्योरी

इसके पीछे का कारण है धरती का गुरुत्वाकर्षण. जब इंसान धरती पर रहता है तब यही गुरुत्वाकर्षण उसे अपनी ओर खींचता है. जबकि स्पेस में ये फ़ोर्स मौजूद नहीं होती. जब इंसान धरती पर रहता है, तो गुरुत्वाकर्षण की वजह से उसकी रीढ़ की हड्डी की लंबाई नहीं बढ़ती है. लेकिन जैसे ही हम स्पेस में जाते हैं ये हड्डी बढ़ जाती है.

Human Height
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST
  • स्पेस में बढ़ जाती है 3% तक हाइट 
  • गुरुत्वाकर्षण हमारे शरीर को सिकोड़ता रहता है

“आपकी हाइट कितनी है?” हमसे जब भी ऐसा कोई सवाल पूछा जाता है तो हम सीधा सा एक ही जवाब दे देते हैं. लेकिन क्या आपको पक्का यकीन है कि जितनी हाइट आप बता रहे हैं वही सही है? हो सकता है आप गलत हों. दरअसल, सुबह से रात तक हमारी हाइट बदलती रहती है. जी हां, यह सच है. हमारे शरीर की लम्बाई गुरुत्वाकर्षण के हिसाब से बढ़ती-घटती रहती है. भले ही यह 1 या 2 सेंटीमीटर ही क्यों न हो.

दरअसल, जैसे-जैसे दिन बीतता जाता है गुरुत्वाकर्षण हमारे शरीर को सिकोड़ता रहता है. लेकिन जब हम रात को सोते हैं/ लेटते हैं, तब हमारे शरीर पर गुरुत्वाकर्षण का इतना जोर नहीं होता है.

स्पेस में बढ़ जाती है 3% तक हाइट 

अब जरा सोचिये कि आखिर जो लोग स्पेस में जाते हैं क्या उनकी भी हाइट इसी तरह घटती बढ़ती है? हां, वे लंबे हो जाते हैं. दरअसल, एक ऐसा ही एक उदाहरण है केट रुबिन्स का. नासा एस्ट्रॉनॉट केट रुबिन्स जब धरती से गई थीं तब उनकी हाइट 171 सेंटीमीटर थी लेकिन जब स्पेस से लौटी तो ये बढ़कर 174.4 सेंटीमीटर हो गई. बता दें नासा के मुताबिक, स्पेस में जाकर इंसान की लंबाई 3% तक बढ़ जाती है.

क्या है इसके पीछे की थ्योरी?

दरअसल, इसके पीछे का कारण है धरती का गुरुत्वाकर्षण यानि इसकी Gravitational Force. जब इंसान धरती पर रहता है तब यही गुरुत्वाकर्षण उसे अपनी ओर खींचता है. जबकि स्पेस में ये फ़ोर्स मौजूद नहीं होती. जब इंसान धरती पर रहता है, तो गुरुत्वाकर्षण की वजह से उसकी रीढ़ की हड्डी की लंबाई नहीं बढ़ती है. लेकिन जैसे ही हम स्पेस में जाते हैं ये हड्डी बढ़ जाती है. ये लंबाई 3 से 5 सेंटीमीटर तक जा सकती है. हालांकि वापिस धरती पर लौटने के बाद हाइट नॉर्मल हो जाती है. 

कैसे बढ़ सकती है रीढ़ की हड्डी? 

दरअसल, साइंस के मुताबिक, रीढ़ की हड्डी में कई जोड़ होते हैं और गुरुत्वाकर्षण की वजह से ये जुड़े रहते हैं. लेकिन जब गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है तब इनमें गैप आ जाता है. इसी गैप के आने से ये लंबाई बढ़ जाती है. हालांकि, ये केवल कुछ सेंटीमीटर ही बढ़ सकती है. 


 

 

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