सुप्रीम कोर्ट ने आज एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जिससे जनप्रतिनिधियों के सावर्जनिक जीवन में ईमानदारी को सुनिश्चित किया जा सकेगा. आज सुप्रीम कोर्ट की 7 सदस्यों वाली संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि अब अगर सांसद या विधायक सदन में रिश्वत लेकर भाषण या वोट देते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा. CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति से दिए गए अहम फैसले में सांसदों और विधायकों को ऐसे मामलों में संरक्षण देने से इनकार करते हुए कहा है कि उन्हें इस मामले में किसी तरह की कोई कानूनी छूट नहीं मिलेगी.
A seven-judge Constitution bench of the Supreme Court ruled that MPs and MLAs will face prosecution if they take bribery for votes or speeches in the Parliament.