आजादी के बाद सबसे लंबा चलने वाला किसान आंदोलन आखिरकार खत्म हो गया. 378 दिनों तक किसानों ने बारिश देखी, तीखी धूप में जले , सर्द रातों में भी आदोलन चलता रहा, लेकिन जीत की उम्मीद बंधी रही. इस दौरान कई ऐसे मौके आए जब मोर्चे में दरार की खबरें आई, आंदोलन को बदनाम करने की कोशिशे की गई, कभी कंटीले तार तो कभी पानी की बौछार से किसानों को रोकने की कोशिश हुई. हालांकि 26 जनवरी की घटना ने आंदोलन के अस्तित्व पर सवाल भी खड़े किए, लेकिन किसानों ने दिल्ली को साफ संदेश दे दिया कि फसलों का फैसला तो किसान ही करेगा. आखिरकार आज सरकार औऱ किसान संगठनों में आपसी सहमती से आंदोलन सफल हुआ और किसान खुशी खुशी अपने घरों की तरफ रवाना हो रहे हैं.
The longest-running farmer's movement after independence finally came to an end. Finally today the movement was successful by mutual consent between the government and the farmers' organizations and the farmers are happily leaving for their homes.